कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड के चूरलमाला में भूस्खलन स्थल पर पहुंचे हैं, जहां 30 जुलाई को भूस्खलन हुआ था. राहुल और प्रियंका वायनाड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात भी करेंगे. बाढ़-बारिश और लैंडस्लाइड की अलग-अलग घटनाओं में अब तक 256 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 300 से ज्यादा लोग लापता हैं. वहीं, 8000 से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है. हताहतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

त्रासदी को देखकर मेरा दिल बहुत दुखी है

राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट पर कहा कि त्रासदी के इन दृश्यों को देखकर मेरा दिल बहुत दुखी है. इस मुश्किल समय में, प्रियंका और मैं वायनाड के लोगों के साथ खड़े हैं. हम राहत, बचाव और पुनर्वास प्रयासों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाए. यूडीएफ हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं की बार-बार होने वाली घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं. एक व्यापक कार्य योजना की तत्काल आवश्यकता है.

राहुल गांधी गुरुवार को केरल में वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चूरलमाला इलाके का दौरा किया. बारिश के बीच ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी घटनास्थल पर पहुंचने के बाद मेप्पाडी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर पीड़ितों से मुलाकात की थी.

राहुल और प्रियंका ने राहत शिविरों का किया दौरा

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने डॉ. मूपेन मेडिकल कॉलेज और मेप्पाडी स्थित दो राहत शिविरों का भी दौरा किया था. उनके साथ पार्टी महासचिव एवं अलप्पुझा से सांसद के सी वेणुगोपाल भी थे.

वायनाड जिले में मंगलवार को भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन हुआ था. इससे चूरलमाला, अट्टामाला मुंडक्कई और नूलपुझा बस्तियों में महिलाओं और बच्चों सहित 173 लोगों की मौत हो गई थी. कई लोग अभी भी लापता हैं. बता दें कि राहुल गांधी ने साल 2019 में वायनाड लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी, साल 2024 लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर वायनाड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की रायबरेली से जीत हासिल की थी, लेकिन उन्होंने वायनाड से जून में इस्तीफा दे दिया, वहां होने वाले उपचुनाव में उनकी बहन प्रियंका गांधी के लड़ने के आसार हैं.

मरने वालों में से 200 की शिनाख्त हो गई है. बाकियों की शिनाख्त की जा रही है. राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है. सेना लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है. मुंडक्कई और चूरलमाला सबसे ज्यादा प्रभावित वाला इलाका है. यहां काफी नुकसान हुआ है. दोनों क्षेत्रों को जोड़ने के लिए 190 फुट लंबा ‘बेली ब्रिज’ बनाया गया है. मुंडक्कई शहर में लगभग 450 से 500 घर थे मगर मुंडक्कई अब वायनाड के नक्शे से मिट चुका है. यहां कुछ भी नहीं बचा. कीचड़ और पत्थरों के अलावा कुछ भी नहीं है.

बेली ब्रिज का निर्माण पूरा- CM विजयन

वायनाड भूस्खलन पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को कहा कि आज एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. उसके बाद राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक भी हुई. बैठक में विपक्षी नेताओं ने भी हिस्सा लिया. मैं सेना के जवानों के प्रयासों की सराहना करता हूं. उन्होंने हमें बताया है कि फंसे हुए ज्यादातर लोगों को बचा लिया गया है. मिट्टी के नीचे फंसे लोगों को बचाने के लिए मशीनरी लाना मुश्किल था और पुल बनाने से यह काम आसान हो गया. बेली ब्रिज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है.

सीएम बोले- रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा

सीएम विजयन ने आगे कहा कि लापता लोगों की तलाश के लिए नदी में बचाव अभियान जारी रहेगा. बचाए गए लोगों को अस्थायी रूप से शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है. पुनर्वास कार्य जल्द से जल्द किया जाएगा, जैसा कि हमने पहले की स्थितियों में भी किया है. मैं मीडिया से अनुरोध करता हूं कि वे लोगों से मिलने और शिविरों के अंदर शूटिंग करने से बचें. आप उनसे शिविरों के बाहर बात कर सकते हैं, व्यक्तियों की गोपनीयता की रक्षा करना महत्वपूर्ण है.

लोकसभा में भी उठा मुद्दा

वायनाड लैंडस्लाइड का मुद्दा लोकसभा में भी बुधवार को उठाया गया था. इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहा कि यह समय केरल के वायनाड की जनता के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का है. इसके लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है. राहत, बचाव एवं पुनर्वास के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे. शाह ने सदन को यह भी बताया कि वह आपदा प्रबंधन पर इसी सत्र में एक विधेयक भी लाएंगे. मंत्री ने कहा कि सरकार केरल की जनता को आश्वस्त करना चाहती है कि वह उनको किसी भी मुसीबत में अकेला नहीं छोड़ेगी.