नई दिल्ली: राष्ट्रपति ने विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) – वीबी-जी राम जी विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है। इसके साथ यह विधेयक कानून बन गया है और अब ग्रामीण परिवारों को वैधानिक रूप से साल में कम से कम 125 दिन रोजगार का अधिकार मिलेगा। सरकार इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जीवन को मजबूत करने वाला ऐतिहासिक कदम बता रही है।
विधेयक की विशेषताएँ और उद्देश्य
इस कानून के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की कानूनी गारंटी पहले की तुलना में और मजबूत होगी। सरकार का कहना है कि इससे गांवों में गरीब, मजदूर, किसान और भूमिहीन परिवारों की आय बढ़ेगी और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन पर भी रोक लगेगी।
सरकार का उद्देश्य केवल रोजगार उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि ग्रामीण समाज के सशक्तिकरण और समावेशी विकास को भी प्राथमिकता देना है। यह कानून महिलाओं, कमजोर वर्गों और जरूरतमंद परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
मनरेगा से बदलाव
सरकार का दावा है कि वीबी-जी राम जी योजना में मनरेगा की कमियों को दूर किया गया है। रोजगार के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 दिन किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में किए जाने वाले सभी सार्वजनिक कार्य विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक के अंतर्गत आएंगे। इससे ग्रामीण स्तर पर सशक्त और एकीकृत राष्ट्रीय ढांचा तैयार होगा, जिससे कामों का समन्वय और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
कानून के तहत किसानों के लिए भी विशेष प्रावधान हैं। राज्य सरकारें तय कर सकती हैं कि 60 दिन के लिए काम रोकने का समय किस अवधि में रखा जाए, ताकि पीक सीजन में किसानों को अपने खेतों में मजदूर उपलब्ध रहें और अतिरिक्त वेतन खर्च से बचा जा सके। मजदूरों को भी 125 दिन के रोजगार के साथ अधिक आर्थिक लाभ मिलेगा।
समग्र प्रभाव
सरकार का मानना है कि इस कानून से ग्रामीण भारत में स्थायी रोजगार और आजीविका सुनिश्चित होगी, गरीबी कम होगी, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। सड़कों, जल संरक्षण, सिंचाई, आवास और अन्य बुनियादी ढांचे से जुड़े कामों को रोजगार से जोड़कर ग्रामीण विकास में गति और पारदर्शिता आएगी।
वीबी-जी राम जी कानून ग्रामीण भारत को समृद्ध, आत्मनिर्भर और विकसित बनाने की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है और इसे लंबे समय तक देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला कदम बताया जा रहा है।