भारत की युवा पहलवान अंतिम पंघाल ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में देश का खाता खोलते हुए 53 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता। उन्होंने स्वीडन की अंडर-23 विश्व चैंपियन एमा जोना डेनिसे माल्मग्रीन को एकतरफा अंदाज में 9-1 से पराजित कर यह सफलता हासिल की।

शुरुआती संघर्ष, लेकिन अंतिम ने दिलाई उम्मीद

टूर्नामेंट की शुरुआत से ही भारतीय पहलवानों का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा था। ऐसे में 21 वर्षीय अंतिम ने अपनी शानदार जीत से सुनिश्चित किया कि भारत इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप से खाली हाथ न लौटे। पिछले साल भी उन्होंने इसी प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था, जबकि पेरिस ओलंपिक 2024 में वह शुरुआती दौर में हारकर बाहर हो गई थीं।

माल्मग्रीन पर कसा शिकंजा

माल्मग्रीन अपने आक्रामक अंदाज के लिए जानी जाती हैं, लेकिन अंतिम ने बेहतरीन डिफेंस और जवाबी हमलों से उन्हें रोक दिया। पूरे मुकाबले में स्वीडिश पहलवान लय हासिल नहीं कर सकीं।

करियर में अब तक की उपलब्धियां

कम उम्र में ही अंतिम पंघाल ने बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड बनाया है।

  • विश्व चैंपियनशिप में अब तक दो कांस्य पदक
  • एशियाई खेलों में कांस्य
  • एशियाई चैंपियनशिप में रजत और कांस्य
  • अंतरराष्ट्रीय ग्रां प्री में दो स्वर्ण पदक

अब तक सिर्फ विनेश फोगाट ही ऐसी भारतीय महिला पहलवान रही हैं, जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप में दो पदक जीते थे।

ग्रीको रोमन में निराशा

दूसरी ओर, ग्रीको रोमन वर्ग में भारतीय पहलवानों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। मनीषा भानवाला रेपेचेज मुकाबले में बुल्गारिया की बिलयाना डुडोवा से 0-9 से हारकर पदक से चूक गईं। वहीं, 55 किलो वर्ग में अनिल मोर महज 13 सेकंड में दुनिया के नंबर-1 अजरबैजान के एल्दानिज अजीजली से पराजित हो गए। चारों ग्रीको रोमन पहलवान बिना जीत हासिल किए बाहर हो गए।