बिहार और झारखंड में लगातार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस कारण गया, जहानाबाद, नालंदा, पटना और आसपास के कई जिले उफान पर हैं। नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड में लोकाइन नदी के तटबंध में कटाव के कारण तीन पंचायतों के 17 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। धुरी बिगहा गांव के पास लगभग 40 फीट कटाव होने से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। प्रभावित गांवों में धुरी बिगहा, छियासठ बिगहा, फुलवरिया, लक्कड़ बिगहा, कुसेता, डोमना बिगहा, मुरलीगढ़, सोहरापुर, जमुआरा, चमंडी, रसलपुर, गिलानीपुर, हरिहर खंधा, मिर्जापुर, मराची, लुच्चन टोला, बेलदारी बिगहा और चिकसौरा शामिल हैं। इन क्षेत्रों में गलियों में 4-5 फीट तक पानी भर गया है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
छियासठ, धुरी बिगहा और सोहरापुर में स्थिति सबसे गंभीर है, जहां लोग अपने घरों की छत पर शरण लेने को मजबूर हैं। बाढ़ से सैकड़ों एकड़ फसल डूब चुकी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। दर्जनों गांवों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भी पूरी तरह टूट गया है। सोहरापुर पुल, बेलदारी बिगहा, दामोदरपुर, गिलानीपुर, कुसेता, फुलवरिया और हरवंशपुर में सड़कें पानी में डूब गई हैं। चिकसौरा पंचायत से बाढ़ का पानी करायपरशुराय प्रखंड की ओर भी फैल रहा है।
तेज बहाव के कारण चार मुख्य मार्गों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। फुलवरिया-बढ़ही बिगहा मार्ग पर बढ़ही बिगहा गांव के पास 20 फीट कटाव, चिकसौरा-चमंडी मार्ग पर दामोदरपुर के पास नुकसान, चिकसौरा-बेलदारी बिगहा मार्ग पर कटाव और योगीपुर-कोरावा मार्ग पर शोहरापुर के पास सड़क क्षतिग्रस्त हुई है।
प्रभावित गांवों के किसान अशोक कुमार, रंजीत कुमार, प्रहलाद कुमार, रवींद्र शर्मा, प्रियरंजन कुमार, अंकित कुमार, रंजन कुमार, राजकुमार और टुनटुन यादव ने बताया कि उनके गांव चारों तरफ पानी से घिरे हैं। घरों में पानी भर गया है और प्रशासन की ओर से अब तक कोई मदद नहीं मिली। सबसे बड़ी समस्या मवेशियों के चारे की कमी है, जिससे पशुपालकों को अपने जानवर बचाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।