बिहार के डीजीपी विनय कुमार और मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा को विधानसभा बुलाया गया है। विधान मंडल में बजट सत्र चल रहा था, इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों को तत्काल विधानसभा बुला लिया। बुलावा की जानकारी मिलते ही डीजीपी विनय कुमार और मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा विधानसभा पहुंचे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की।

अपराध करने वाले कोई भी हों, किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाय
विधान मंडल पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ विधि व्यवस्था को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैथाक्ल के दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस महानिदेशक ने पुलिस पर हमला और बढ़ते अपराध पर नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। पुलिस पर लगातार हो रहे हमला के संबंध में पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है और बेहतर काम कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि लॉ एंड ऑर्डर को नियंत्रण में रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाय। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि अपराध करने वाले कोई भी हों, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाय। अपराध के कारणों की पूरी तहकीकात कर दोषी की पहचान करें और बिना किसी भेदभाव के उन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि आपराधिक घटनाओं के पीछे किसी प्रकार की साजिश है तो उसकी भी जांच की जाय और जांचोपरांत कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।
अपराध अनुसंधान कार्य में लायें तेजी
मुख्यमंत्री ने अपराध अनुसंधान के कार्यों में तेजी लाने और इसे ससमय पूरा करने का निर्देश दिया ताकि दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये पुलिस और प्रशासन मुश्तैदी से कार्य करे। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।