डॉ. जगदीश: 1991 में मिला था पद्मश्री, अब बिहार में लोकसभा के पहले चरण के लिए भरा नामांकन

उत्कृष्ट सेवा के लिए 1991 में ही महज 36 साल की उम्र में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान पाकर चर्चा में आए डॉ. जगदीश प्रसाद एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। कारण है उनकी चुनावी मैदान में उतरना। पिछले साल अपनी पार्टी (लोकतांत्रिक सामाजिक न्याय पार्टी) बनाने वाले देश के जाने-माने ह्रदय रोग विशेषज्ञ व स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर जनरल रहे पद्मश्री डॉ. जगदीश प्रसाद ने जमुई लोकसभा सीट से नामांकन पर्चा दाखिल किया। डॉ. जगदीश प्रसाद का कहना है कि वह बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार की सर्जरी करने के लिए वह चुनावी मैदान में उतरे हैं। जमुई की जनता ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया है। जनता भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना चाहती है। 

शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई
डॉ. जगदीश प्रसाद का कहना है कि पिछले तीस वर्षों में बिहार की शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। राज्य में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ते ही जा रहा है। भ्रष्टाचार व महंगाई से आम जनता त्रस्त हो चुकी है। बिहार में पुलों और सड़कों का निर्माण भ्रष्टाचार की सीमेंट-छड़ से किया जा रहा है, जो बनते ही ध्वस्त हो जा रहा है। अगुवानी गंगा पुल दो बार और सुपौल में बकौर पुल का हिस्सा एक बार गिर चुका है। कई ऐसे पुल हैं जो निर्माण होने के कुछ ही वर्ष में जर्जर हो गए। डॉ. जगदीश प्रसाद ने आरोप लगाया कि सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार परवान पर है. एक गरीब को न्याय पाने से इसलिए वंचित होना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास पैसा नहीं है।

जमुई लोकसभा सीट से नामांकन किया
बता दें कि डॉ.जगदीश प्रसाद ने पिछले 38 साल चिकित्सक एवं कुशल प्रशासक के रूप में सेवा दे रहे। ह्रदय रोग से पीड़ित लोगों को जीवन दान दिया है। उनका नि:शुल्क इलाज किया है। उनके उत्कृष्ट  सेवा को देखते हुए उन्हें पद्मश्री से सम्मान से नवाजा गया है। इस बार उन्होंने जमुई लोकसभा सीट से नामांकन किया है। 

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