केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह पांच नवंबर यानी रविवार को बिहार दौरे पर आ रहे हैं। वह मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट में जनसभा को संबोधित करेंगे। भाजपा ने इसके लिए सारी तैयारी पूरी कर ली है। पिछले 10 दिनों से बिहार भाजपा के वरीय नेता और कार्यकर्ता यहां कैंप कर रहे हैं। भाजपा का दावा है कि गृह मंत्री अमित शाह की यह सभा ऐतिहासिक होगी। 

जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आने के बाद शाह का पहला दौरा
इधर, राजनीतिक पंडितों का कहना है कि शाह पिछले 16 सितंबर को बिहार दौरे पर आए थे। तब मधुबनी और अररिया में रैली की थी। 50 दिन के अंदर दूसरी बार और जाति आधारित गणना की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद यह उनका पहला दौरा है। महागठबंधन की जाति कार्ड व्यूह को तोड़ने के लिए अमित शाह कोई नया एजेंडा सेट कर सकते हैं। 

अमित शाह पूरे तिरहुत को साधने के लिए बिहार आ रहे
दरअसल, जिस जमीन को भाजपा ने अमित शाह की रैली के लिए चुना, वह मुजफ्फरपुर शहर में आती है लेकिन इस जमीन का लोकसभा क्षेत्र वैशाली है। यानी एक तीर से कई निशाने। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि शाह पूरे तिरहुत को साधने के लिए बिहार आ रहे हैं। उनकी नजर केवल मुजफ्फरपुर पर ही नहीं बल्कि वैशाली  (हाजीपुर), सीतामढ़ी, शिवहर , पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण की सीट पर है। इन सभी लोकसभा सीटों पर सीतामढ़ी को छोड़कर सभी पर एनडीए का कब्जा है। वैशाली सीट फिलहाल लोजपा (पारस) के खाते है। इस सीट पर लोजपा (रामविलास) और लोजपा (पारस) में खींचतान चल रही है। 

  • मुजफ्फरपुर - अजय निषाद (भाजपा)
  • सीतामढ़ी - सुनील कुमार पिंटू (जदयू) 
  • शिवहर- रमा देवी (भाजपा)
  • वैशाली - पशुपति कुमार पारस (लोजपा)
  • पूर्वी चंपारण - राधामोहन सिंह (भाजपा)
  • पश्चिमी चंपारण - संयज जायसवाल (भाजपा)

बिहार विधानसभा के सत्र की शुरुआत होने वाली है
गृह अमित शाह के दौरे के एक दिन बाद बिहार विधानसभा के सत्र की शुरुआत होने वाली है। नीतीश सरकार इस सत्र में जाति आधारित गणना की पूरी रिपोर्ट, आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पेश करेगी। लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन सरकार का यह मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा के लिए जाति कार्ड बड़ी चुनौती बन सकती है। इसे देखते हुए कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह कोई नया एजेंडा देकर मास्टर स्ट्रोक खेल सकते हैं।