राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। पिछली बार जब सरकार के सहयोगी दलों और विधायकों के दल-बदल की चर्चाएं जोरों पर थीं, तब मकर संक्रांति का समय था। उस दौरान एनडीए सहयोगी और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस गुपचुप तरीके से लालू प्रसाद यादव से मिलने पहुंचे थे। खास बात यह थी कि उन्होंने पिछले दरवाजे से राबड़ी आवास में प्रवेश किया था, जिससे अटकलों को और बल मिला था।

अब एक बार फिर उसी तरह की चर्चा शुरू हो गई है, जब जदयू के एमएलसी गुलाम गौस राबड़ी आवास पहुंचे और वहां लालू प्रसाद यादव के साथ-साथ राबड़ी देवी से भी मुलाकात की। गुलाम गौस की इस मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं, जिससे बिहार की सियासत में नए समीकरण बनने की अटकलें तेज हो गई हैं।

जदयू एमएलसी गुलाम गौस ने राबड़ी आवास पहुंचकर राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की और दोनों के बीच लंबी बातचीत भी हुई। मुलाकात के बाद जब गुलाम गौस बाहर आए, तो पत्रकारों ने उनसे इसके राजनीतिक मायने पूछे। इस पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनकी इस भेंट को सियासी नजरिए से न देखा जाए।

गुलाम गौस ने स्पष्ट किया कि लालू प्रसाद यादव से उनका मिलना कोई नई बात नहीं है। हालांकि, ईद के मौके पर उनका राबड़ी आवास पहुंचना और लालू यादव से मुलाकात करना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है |