पूर्व खाद्य निरीक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार के 52 लाख 80 हजार 333 रुपए के अवैध चल एवं अचल संपत्ति को जब्त करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश निगरानी थाना के कांड संख्या 19 / 2013 के तहत 30 जनवरी 2025 को पारित किया गया है। निगरानी न्यायालय पटना के प्राधिकृत पदाधिकारी ब्रजेश कुमार पाठक ने यह आदेश दिया है
इस मामले में कांड के प्राथमिक अभियुक्त लोक सेवक डॉ सुरेंद्र कुमार के विरुद्ध जाँच पड़ताल की गई थी, जिसमें उनपर लगाये गये सभी आरोप सत्य पाए गये। तब निगरानी थाना में कांड संख्या 19 / 2013 के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया। अनुसंधान के बाद अभियुक्त के विरुद्ध 10464852 रुपए की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला पाते हुए 16 जुलाई 2016 को आरोप पत्र संख्या 59/16 समर्पित किया गया था।
उक्त कांड में बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 की धारा 5 के तहत सरकार से घोषणा प्राप्त ब्यूरो द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी निगरानी न्यायालय पटना में संपत्ति जब्त करने के लिए आवेदन दायर किया गया। इसके बाद प्राधिकृत पदाधिकारी ने अभियुक्त की मृतक पत्नी स्वर्गीय गीता देवी की संपत्ति को छोड़कर शेष 52 लाख 80 हजार 333 रुपए के चल एवं अचल संपत्ति को अधिहरण करने का आदेश दिया, जिसमें अभियुक्त के कंकड़बाग पटना में स्थित तीन भूखंड व नालंदा जिला स्थित आठ भूखंड शामिल हैं।
पूर्व में ट्रैप के कांड में 15 जनवरी 2025 को न्यू सचिवालय स्थित कृषि विभाग के विशाखा पदाधिकारी राजनंदन कुमार श्यामला, 21 जनवरी 2025 को राजगीर के अंचल अमीन राजाराम सिंह और रोहतास जिला के डेहरी स्थित मीन चकबंदी कार्यालय में पदस्थापित तत्कालीन अमीन राजाराम सिंह को निगरानी न्यायालय ने दोषी ठहराया था।