पटना। विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भले अभी न हुआ हो, लेकिन बिहार की राजनीति पूरी तरह गरमा चुकी है। एनडीए और महागठबंधन के नेता लगातार एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रदीप भंडारी ने महागठबंधन पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मतदाता अधिकार यात्रा के बहाने कांग्रेस और राजद बार-बार ऐसे नेताओं को बिहार बुला रहे हैं, जिन्होंने अतीत में बिहारियों का मजाक उड़ाया था। एमके स्टालिन के बिहार आगमन को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम राज्य के गौरव और स्वाभिमान का अपमान है।
भंडारी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ऐसे लोगों को मंच दे रहे हैं, जिन्होंने कभी बिहार समाज का अपमान किया था। उन्होंने रेवंत रेड्डी का जिक्र किया, जिन्होंने बिहारी डीएनए पर विवादित टिप्पणी की थी। वहीं, प्रियंका गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी द्वारा बिहारियों पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर ताली बजाई थी।
बीजेपी नेता ने स्टालिन और उनकी पार्टी डीएमके पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि डीएमके नेता पहले ही बिहारियों को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर चुके हैं और महागठबंधन द्वारा उन्हें बुलाना कोई संयोग नहीं, बल्कि सोच-समझकर उठाया गया कदम है। उनका कहना था कि मेहनतकश बिहारियों को गालियां मिलती हैं, जबकि वोट बैंक की राजनीति के लिए अवैध बांग्लादेशियों को संरक्षण दिया जाता है।
विपक्ष का पलटवार
दूसरी ओर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए पर हमला बोलते हुए कहा कि एनडीए का मतलब है– नहीं देंगे अधिकार। उन्होंने कहा कि जनता इस बार अपने वोट की रक्षा खुद करेगी और बीजेपी-एनडीए को हार का सामना करना पड़ेगा।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार जनता के वास्तविक मुद्दों—महंगाई, बेरोजगारी, पलायन और आर्थिक संकट—को हल करने में पूरी तरह असफल रही है और अब चुनाव जीतने के लिए वोट चोरी की साजिश रच रही है।