मनेन्द्रगढ़ नगर में लंबे समय से चर्चा में रहा भूपेंद्र क्लब क्षेत्र का अतिक्रमण आखिरकार प्रशासनिक कार्रवाई की जद में आ गया। रविवार सुबह नगर प्रशासन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम भारी सुरक्षा बंदोबस्त के साथ क्लब परिसर में पहुंची और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इस अभियान के तहत 23 दुकानों को ध्वस्त किया गया, जबकि एक दुकान को न्यायालय से स्थगन आदेश (स्टे) प्राप्त होने के कारण नहीं तोड़ा गया।

कई वर्षों से लंबित था मामला

भूपेंद्र क्लब के आसपास अवैध कब्जों की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। इन्हीं शिकायतों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पूर्व में नोटिस जारी किया था। तय समय सीमा के बाद रविवार को कार्रवाई को अमल में लाया गया। कुछ दुकानदारों ने प्रशासनिक कार्रवाई से पहले स्वयं ही अपने निर्माण हटा लिए।

कड़ी निगरानी में चला अभियान

किसी भी संभावित विरोध या असुविधा से निपटने के लिए मौके पर पुलिस बल की व्यापक तैनाती की गई थी। तहसीलदार, नगर पालिका के अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अतिक्रमण विरोधी दल मौजूद रहे। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी करवाई गई ताकि किसी भी कानूनी विवाद की स्थिति में सबूत प्रस्तुत किए जा सकें।

नागरिकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

प्रशासन की कार्रवाई को लेकर स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएं विभाजित रहीं। जहां कुछ लोग इसे नगर की व्यवस्था और सौंदर्य के लिए आवश्यक कदम मानते हुए सराहना कर रहे हैं, वहीं प्रभावित दुकानदारों ने इस पर असंतोष जताया। उनका कहना है कि पुनर्वास की कोई वैकल्पिक व्यवस्था पहले की जानी चाहिए थी। प्रशासन का पक्ष है कि सभी को पहले ही नोटिस और पर्याप्त समय दिया गया था।

नगर के अन्य क्षेत्रों में भी होगी कार्रवाई

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान केवल भूपेंद्र क्लब क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। नगर के अन्य हिस्सों में स्थित अवैध कब्जों को भी हटाने की कार्यवाही जल्द ही की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि यह पहल शहर को सुव्यवस्थित और नागरिकों के लिए सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।