जगदलपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है और पिछले दो वर्षों में 2,000 से अधिक नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च, 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है।
साय ने यह बात आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के पूरी तरह समाप्त होने के बाद बस्तर क्षेत्र का विकास तेज गति से आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने नक्सलियों के लिए प्रभावी आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति लागू की है, जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। दिसंबर 2023 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक 2,000 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
साथ ही सीएम ने कहा कि नियाद नेल्लानार योजना के तहत बस्तर के 327 गांवों में विकास कार्य पहुंचाया गया है। अब इन गांवों में सड़कें, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, राशन वितरण सुविधाएं और दूरसंचार नेटवर्क उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा दे रही है और नई औद्योगिक नीति के तहत इसे उद्योग का दर्जा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले साल बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख लोगों ने भाग लिया था, जो इस साल बढ़कर 3 लाख हो गया है। इसके अलावा, बस्तर पंडुम महोत्सव का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोग विकास की मुख्यधारा में शामिल होने और नक्सलवाद के प्रभाव से खुद को मुक्त करने के इच्छुक हैं और सरकार इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
साय ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस पूरे राज्य में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ मनाया जा रहा है। राज्य स्तरीय समापन समारोह 20 नवंबर को अंबिकापुर (सरगुजा) में होगा, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी।