सीबीआई अधिकारी बनकर महिला से 54 लाख की ठगी, चार आरोपी लखनऊ से गिरफ्तार

दुर्ग में खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर एक महिला को डिजिटल गिरफ्त में लेकर 54.90 लाख रुपये की ठगी करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी हैं, जो फर्जी खातों के माध्यम से ठगी की रकम ट्रांसफर करवाने में शामिल थे। पुलिस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश भी कर रही है।

डिजिटल अरेस्ट कर बनाया दबाव

रिसाली निवासी पीड़िता नम्रता चंद्राकर ने नेवई थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि एक अज्ञात कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उसके पिता पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया। व्हाट्सएप कॉल के जरिए आरोपी ने दावा किया कि उसके पिता का बैंक खाता मुंबई के नरेश गोयल के पास से बरामद हुआ है, जिसमें दो करोड़ रुपये का अवैध लेनदेन हुआ है।

कॉलर ने महिला को किसी नरेश गोयल की रिकॉर्डिंग भी सुनाई, जिसमें वह 5 लाख रुपये में बैंक खाता खरीदने की बात कर रहा था। साथ ही धमकी दी कि अगर पैसे वापस नहीं किए गए तो उसे न्यायालय के आदेशानुसार जेल जाना पड़ेगा। भयभीत महिला ने 29 अप्रैल से 29 मई 2025 के बीच आरोपी द्वारा बताए गए खातों में कुल 54 लाख 90 हजार रुपये आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कर दिए।

संदेह हुआ तो दर्ज कराई शिकायत

लगातार धनराशि की मांग और डराने की गतिविधियों से महिला को शक हुआ कि वह किसी ठगी का शिकार हो रही है। इसके बाद उसने पुलिस में मामला दर्ज कराया।

चार आरोपियों की गिरफ्तारी

सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक लेन-देन की जांच की गई। जांच में सामने आए खातों के आधार पर लखनऊ के दीपक गुप्ता, राजेश विश्वकर्मा, कृष्ण उर्फ कृष और शुभम श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया गया।

ये आरोपी कमीशन के बदले अपने खातों के जरिए ठगी की रकम ट्रांसफर करवाते थे। प्रत्येक एक लाख रुपये के लेन-देन पर ये चार हजार रुपये तक की राशि कमीशन के रूप में लेते थे। एक मामले में 9 लाख रुपये ट्रांसफर करने पर इन्होंने 36 हजार रुपये का लाभ उठाया था। शुभम श्रीवास्तव और उसके साथी फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराने का काम करते थे।

पुलिस फिलहाल पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

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