नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने वर्ष 1980 की मतदाता सूची में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का नाम शामिल किए जाने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली आपराधिक पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई शुक्रवार को स्थगित कर दी। न्यायाधीश विशाल गोगने ने मामले को नौ दिसंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें सोनिया गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की उनकी मांग खारिज कर दी गई थी। त्रिपाठी का आरोप है कि वर्ष 1980 में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम शामिल किया गया, जबकि वे 1983 में भारतीय नागरिक बनीं। उनका कहना है कि इस मामले में नाम शामिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया गया होगा।
याचिकाकर्ता ने अदालत में दावा किया कि यह संज्ञेय अपराध का मामला है और इसमें प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
इससे पहले अतिरिक्त चीफ न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) वैभव चौरसिया ने 11 सितंबर को इसी याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि मतदाता सूची से संबंधित मामलों की जांच अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। एसीएमएम ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों की निगरानी संवैधानिक संस्थाओं के अधिकार क्षेत्र में आती है और इसे करना संविधान के अनुच्छेद 329 का उल्लंघन होगा।