नई दिल्ली। दिल्ली कस्टम्स विभाग ने बीते छह महीनों में अंतरराष्ट्रीय तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। विभाग ने इस अवधि में 362.71 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने और नशीले पदार्थों की तस्करी का पर्दाफाश किया है। कार्रवाई के दौरान 74 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि तस्करी के कई नए और चौंकाने वाले तरीके भी सामने आए।

26 किलो सोना और 239 किलो नशीले पदार्थ जब्त
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान अब तक दिल्ली कस्टम्स ने 26.269 किलोग्राम सोना जब्त किया है, जिसकी अनुमानित कीमत 24.68 करोड़ रुपये आंकी गई है। वहीं, मादक पदार्थों की 52 अलग-अलग घटनाओं में 239 किलोग्राम गांजा, कोकीन समेत अन्य नशीले पदार्थ पकड़े गए, जिनकी कीमत करीब 338.03 करोड़ रुपये बताई गई। इस दौरान विभाग ने 10.80 करोड़ रुपये का शुल्क वसूल कर राजस्व सुरक्षा भी सुनिश्चित की है।

स्वच्छता अभियान में 850 करोड़ के ड्रग्स नष्ट
कस्टम्स विभाग ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि 16 अक्तूबर को चलाए गए स्वच्छता अभियान के तहत करीब 850 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थों को नष्ट किया गया। वहीं, विभाग लगातार हवाईअड्डे पर सोने और ड्रग्स की तस्करी के मामलों का खुलासा कर रहा है।

तस्करी के नए तरीके भी हुए उजागर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते तस्कर अब नए-नए तरीकों से तस्करी करने की कोशिश कर रहे हैं। कस्टम्स अधिकारियों ने बताया कि कई मामलों में मानव बुद्धि का दुरुपयोग कर अप्रत्याशित तरीके अपनाए जा रहे हैं, लेकिन विभाग की सतर्कता से अधिकतर प्रयास नाकाम रहे।

हालिया घटनाओं में दो तस्करी के मामले उजागर
बीते रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर बैंकॉक से आए एक भारतीय यात्री से 2.5 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक गांजा बरामद किया गया। यह नशीला पदार्थ यात्री के बैग में बने गुप्त हिस्से (फॉल्स बॉटम) में छिपाया गया था। अधिकारियों के अनुसार, इसकी कीमत ग्रे मार्केट में करीब ढाई करोड़ रुपये बताई जाती है।
इसके अलावा 25 अक्तूबर को दुबई से आए एक यात्री को सोने की तस्करी के आरोप में पकड़ा गया। यात्री ने पानी की बोतल के ढक्कन के अंदर बेलनाकार सोने का टुकड़ा छिपाया हुआ था। जांच में ढक्कन से 170 ग्राम सोना मिला। हालांकि बरामद सोने की मात्रा कम थी, लेकिन इसने तस्करी के एक नए तरीके का खुलासा किया।

सतर्कता से नाकाम हुए तस्करों के मंसूबे
दिल्ली कस्टम्स ने कहा कि उनकी टीम लगातार निगरानी और आधुनिक तकनीकी उपकरणों की मदद से तस्करी के प्रयासों पर कड़ी नजर रख रही है। विभाग का कहना है कि आर्थिक सीमाओं की सुरक्षा के लिए ऐसे अभियान आगे भी जारी रहेंगे।