दिल्ली पुलिस ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी को दो अलग-अलग मामलों में समन भेजा है। यह समन फरीदाबाद में चल रहे आतंकवाद मॉड्यूल मामले और विश्वविद्यालय के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़े मामलों से संबंधित है।
हाल ही में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं। इनमें एक धोखाधड़ी (चीटिंग) और दूसरी दस्तावेज़ फॉर्जरी के आरोप में है। यूनिवर्सिटी के खिलाफ ये शिकायतें यूजीसी और एनएएसी द्वारा की गईं। पुलिस ने यूनिवर्सिटी कार्यालय में दस्तावेजों की मांग की और नोटिस भी जारी किया।
फरीदाबाद की सीआईए पुलिस भी यूनिवर्सिटी से जुड़े घरों और ट्रस्ट ऑफिस में दस्तावेजों की जांच कर रही है। इनमें चेयरमैन और उनके परिवार के आधार कार्ड, पैन कार्ड समेत अन्य महत्वपूर्ण कागजात शामिल हैं।
यूजीसी ने अपनी शिकायत में यूनिवर्सिटी की मान्यता और दस्तावेजों में कथित अनियमितताओं का मुद्दा उठाया है। पहली एफआईआर यूनिवर्सिटी द्वारा कथित धोखाधड़ी पर आधारित है, जबकि दूसरी एफआईआर फर्जी मान्यता और दस्तावेज़ी गड़बड़ी से जुड़ी है।
पुलिस की क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीमें इन दोनों एफआईआर की जांच कर रही हैं। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि फॉर्जरी और धोखाधड़ी के मामले गंभीर श्रेणी में आते हैं और यदि दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई तो इसका यूनिवर्सिटी के संचालन पर असर पड़ सकता है।
इसी बीच यह भी जानकारी सामने आई कि यूनिवर्सिटी को कथित तौर पर विदेशी फंडिंग मिली है। हालांकि यूनिवर्सिटी का कहना है कि उसकी सारी फंडिंग केवल छात्र फीस से होती है और जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग किया जाएगा। फरीदाबाद पुलिस ने जमीन और अन्य दस्तावेज़ भी यूनिवर्सिटी से हासिल कर लिए हैं।