राजधानी में वायु प्रदूषण में हल्की गिरावट दर्ज की गई है, हालांकि हवा की गुणवत्ता अब भी ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। बुधवार की सुबह दिल्ली धुंध और हल्के कोहरे के बीच जागी। आसमान में स्मॉग की महीन चादर तैरती दिखी, जिससे दृश्यता प्रभावित रही। कई लोग मास्क पहने नजर आए, जबकि सांस संबंधी रोगियों को दिक्कतें बढ़ीं।
सुबह का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 259 रहा, जो मंगलवार की तुलना में 23 अंक कम है, लेकिन स्थिति अभी भी खराब श्रेणी में ही है।
NCR में गुरुग्राम सबसे प्रदूषित
एनसीआर के शहरों में प्रदूषण स्तर अलग-अलग दर्ज किया गया।
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गुरुग्राम में AQI 276 रहा, जो क्षेत्र में सबसे अधिक है।
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गाजियाबाद का AQI 262,
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नोएडा 256,
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ग्रेटर नोएडा 224 दर्ज हुआ।
वहीं फरीदाबाद की हवा अपेक्षाकृत साफ रही, जहां AQI 195 रेकॉर्ड किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।
कहां से आ रहा है प्रदूषण?
निर्णय सहायता प्रणाली के मुताबिक:
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वाहन उत्सर्जन की हिस्सेदारी 17.18% रही।
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पेरिफेरल इंडस्ट्रीज़ की भागीदारी 8.50%
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आवासीय गतिविधियाँ 4.19%
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निर्माण कार्य 2.36% प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पाए गए।
सीपीसीबी के अनुसार, बुधवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से करीब 10 किमी/घंटा की रफ्तार से चली। अधिकतम मिश्रण गहराई 1100 मीटर और वेंटिलेशन इंडेक्स 6500 m²/s रिकॉर्ड किया गया। दोपहर 2 बजे PM10 का स्तर 220 और PM2.5 का स्तर 112.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा।
कब बिगड़ेगी हवा?
सीपीसीबी का अनुमान है कि गुरुवार से शनिवार के बीच दिल्ली-एनसीआर में हवा फिर से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच सकती है। इस दौरान सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ने के साथ ही आंखों में जलन की समस्या भी उभर सकती है।