गुरुग्राम के शिकोहपुर में ज़मीन सौदे से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में चार्जशीट दायर की है। इस मामले में वाड्रा सहित कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

ईडी के अनुसार, वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने वर्ष 2008 में 3.53 एकड़ ज़मीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। आरोप है कि बिना किसी परियोजना को क्रियान्वित किए, वही ज़मीन बाद में 58 करोड़ रुपये में बेच दी गई। एजेंसी ने वाड्रा और उनकी कंपनियों की कुल 43 संपत्तियों को जब्त किया है, जिनकी अनुमानित कीमत 36 से 37.6 करोड़ रुपये के बीच बताई गई है।

कांग्रेस का पलटवार: रणदीप सुरजेवाला ने पूछे 7 सवाल

चार्जशीट के जवाब में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" बताया। उन्होंने कहा कि शिकोहपुर ज़मीन सौदे में किसी भी प्रकार की अवैधता नहीं है और इसे जबरन मुद्दा बनाकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

सुरजेवाला ने इस कार्रवाई को लेकर सात सवाल खड़े किए:

  1. क्या ज़मीन की खरीद-बिक्री किसी अपराध की श्रेणी में आती है?
  2. क्या इस सौदे में एक भी इंच सरकारी ज़मीन शामिल थी? नहीं।
  3. क्या रॉबर्ट वाड्रा को भूमि उपयोग बदलने (Change of Land Use -CLU) की अनुमति दी गई थी? नहीं।
  4. क्या स्टांप ड्यूटी की कोई चोरी हुई थी? नहीं।
  5. क्या ज़मीन के लेन-देन या उपयोग परिवर्तन में किसी नियम या कानून का उल्लंघन हुआ? नहीं।
  6. क्या रॉबर्ट वाड्रा या उनकी कंपनी ज़मीन की मालिक है या उस पर कोई निर्माण कराया है? नहीं।
  7. वर्तमान में इस ज़मीन का मालिक कौन है? – DLF, पिछले 12 वर्षों से।

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर इनमें से कोई भी अपराध नहीं हुआ है, तो फिर यह मुकदमा किस आधार पर है? उन्होंने इसे "राजनीतिक उत्पीड़न की पटकथा" करार देते हुए विश्वास जताया कि सत्य की जीत अवश्य होगी

वाड्रा की प्रतिक्रिया: "पूरा सहयोग देंगे, सच्चाई सामने आएगी"

चार्जशीट पर प्रतिक्रिया देते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि वे जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग देते रहे हैं और आगे भी देंगे। उनके कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वे कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करते हैं और पूरी उम्मीद है कि अदालत में सच्चाई सामने आएगी और उन्हें दोषमुक्त घोषित किया जाएगा।

वाड्रा ने इस कार्रवाई को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया और इसे छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करार दिया।