नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि उनकी पार्टी आवामी लीग पर लगे प्रतिबंध के चलते करोड़ों समर्थक आगामी आम चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यह कदम देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करेगा।

भारत में शरण ले रहीं 78 वर्षीय हसीना ने नई दिल्ली से रॉयटर्स को दिए साक्षात्कार में कहा कि वह ऐसी सरकार के अधीन बांग्लादेश नहीं लौटेंगी, जो आवामी लीग को राजनीतिक प्रक्रिया से बाहर रखकर बनी हो।

हसीना पिछले वर्ष अगस्त में छात्र आंदोलनों के दौरान भड़की हिंसा के बाद देश छोड़कर भारत आई थीं। इसके तुरंत बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था। फिलहाल बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार काम कर रही है, जिसने फरवरी 2026 में चुनाव कराने का वादा किया है।


“प्रतिबंध अन्यायपूर्ण, राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम”

हसीना ने कहा, “आवामी लीग पर लगाया गया प्रतिबंध पूरी तरह अन्यायपूर्ण और आत्मघाती कदम है। अगर हमारे करोड़ों समर्थक वोट नहीं डालेंगे तो लोकतंत्र का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।”

बांग्लादेश में करीब 12.6 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। देश की राजनीति लंबे समय से आवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के बीच द्विध्रुवीय रही है। मई 2025 में अंतरिम सरकार ने आवामी लीग का पंजीकरण राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे का हवाला देकर निलंबित कर दिया था।

हसीना ने स्पष्ट किया कि वे किसी अन्य दल का समर्थन नहीं करेंगी, लेकिन उम्मीद करती हैं कि सरकार निर्णय पर पुनर्विचार करेगी और आवामी लीग को चुनाव में भाग लेने की अनुमति देगी।


हसीना पर मानवता विरोधी अपराधों का आरोप

इस बीच, बांग्लादेश युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने हसीना के खिलाफ कथित मानवता विरोधी अपराधों की सुनवाई पूरी कर ली है। अदालत का फैसला 13 नवंबर को आने की संभावना है।

हसीना पर आरोप है कि 2024 के छात्र आंदोलनों के दौरान हिंसक कार्रवाई और जबरन गायब किए जाने की घटनाओं में उनकी भूमिका थी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से अगस्त 2024 के बीच करीब 1,400 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकतर लोग सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए।

हसीना ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “यह मुकदमे राजनीतिक प्रतिशोध के तहत चलाए जा रहे हैं। मुझे बचाव का पूरा मौका नहीं दिया गया है, और फैसले पहले से तय हैं।”


भारत में रह रहीं हसीना बोलीं – लौटूंगी जब संविधान लागू होगा

दिल्ली में रह रहीं हसीना ने बताया कि वह सुरक्षा कारणों से सावधानी बरतती हैं, लेकिन सामान्य जीवन जीने की कोशिश करती हैं। उन्होंने कहा, “मैं तभी बांग्लादेश लौटूंगी जब वहां संविधान का पालन और कानून-व्यवस्था बहाल होगी।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी नेतृत्व को लेकर उनके परिवार या बेटे सजीब वाजेद पर कोई जोर नहीं है। “आवामी लीग जनता की पार्टी है, और यह भविष्य में फिर राजनीतिक मंच पर लौटेगी, चाहे सत्ता में हो या विपक्ष में,” उन्होंने कहा।


तनाव अब भी बरकरार

हसीना के देश छोड़ने के बाद आवामी लीग समर्थकों पर कई हमले हुए। हाल के दिनों में “राज्य सुधार चार्टर” पर हस्ताक्षर के दौरान फिर झड़पें हुईं, जिससे राजनीतिक माहौल एक बार फिर तनावपूर्ण हो गया है। हालांकि, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।