नई दिल्ली। अब दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में एक नई मकोका सेल स्थापित की गई है, जो महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ़ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के तहत दर्ज सभी मामलों की निगरानी करेगी। अब किसी भी जिले में मकोका के तहत केस दर्ज होने पर वह सीधे इस सेल में ट्रांसफर होगा। सेल यह भी तय करेगी कि मामला मकोका के दायरे में आता है या नहीं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अब विशेष रूप से उन व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो अपराधियों को पैसा, हथियार और अन्य संसाधन मुहैया कराते हैं। अपराध शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2024 में चार मकोका केस दर्ज किए गए, जिनमें से तीन पुराने मामलों का ट्रांसफर हुआ और कुल 19 अपराधी गिरफ्तार किए गए। इनमें से एक उत्तर-पूर्वी दिल्ली का निवासी था। वर्ष 2025 में कोई नया मामला दर्ज नहीं हुआ, लेकिन पुराने मामलों में 17 अपराधियों को पकड़ा गया।
पुराने और नए गिरोहों पर कार्रवाई
शाखा ने सट्टा और जुए से जुड़े गिरोहों पर भी मकोका का इस्तेमाल किया है। राजीव नगर, मांडोली निवासी सगीर अहमद उर्फ अकील अहमद को गिरफ्तार किया गया, जो सट्टे और हथियारों के जरिए अपने नेटवर्क को सुरक्षित रखता था। वहीं, 2025 में जाफराबाद के अब्दुल नासिर गैंग के शमीम उर्फ बदर, आदिल और मोहम्मद स्लीम सरीफ उर्फ पिस्टल को गिरफ्तार किया गया। यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में बिल्डरों और व्यवसायियों से मोटी रकम लेकर सुरक्षा प्रदान करता था।
नई रणनीति: चेहरों से पीछे वाले वित्तीय नेटवर्क पर नजर
अब अपराध शाखा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और अब उन छिपे चेहरों पर भी कार्रवाई की जाएगी जो गिरोहों को पैसा और संसाधन मुहैया कराते हैं। कई फाइनेंसर पहले ही चिन्हित किए जा चुके हैं। मकोका के तहत गिरफ्तारी के बाद अपराधियों को जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है। दिल्ली पुलिस पहले ही नंदू गैंग, नासिर गैंग और काला जठेड़ी समेत कई गैंगस्टरों पर मकोका लागू कर चुकी है।
सेल की भूमिका और प्रशासनिक ढांचा
यह नई मकोका सेल अब सभी मामलों का डाटाबेस बनाएगी और प्रत्येक केस की निगरानी करेगी। पुलिस मुख्यालय ने डीसीपी स्तर के अधिकारी को इस सेल का प्रभारी नियुक्त किया है। इसके अलावा, सेल में एसीपी और दो इंस्पेक्टर तैनात हैं, जो मामलों का रिकॉर्ड और वित्तीय आंकड़ों का प्रबंधन करेंगे।
दिल्ली में सक्रिय गैंगस्टर नेटवर्क
दिल्ली में लारेंस बिश्नोई, रोहित गोदारा, गोल्डी बरार, कपिल सांगवान, हाशिम बाबा, जतिंदर मान उर्फ गोगी और टिल्लू ताजपुरिया जैसे गिरोह सक्रिय हैं। नई दिल्ली रेंज की स्पेशल सेल फिलहाल इन गिरोहों के खिलाफ पांच मकोका मामलों की देखरेख कर रही है।
मकोका के तहत चुनौती और अदालत की भूमिका
हालांकि, मकोका मामलों में जमानत और अदालत की प्रक्रिया पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रही है। वर्ष की शुरुआत में कड़कडड़ूमा अदालत ने हाशिम बाबा के शूटर को जमानत दे दी थी। 2002 से दिल्ली में मकोका के तहत केवल एक मामले में दोष सिद्ध हुआ है, जिसमें गोगी गिरोह के पांच सदस्यों को पांच-पांच साल की जेल और पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना सुनाया गया।