उत्तर पश्चिम जिले की पुलिस ने अवैध हथियारों की तस्करी में शामिल एक सक्रिय गिरोह को पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक मुख्य सप्लायर भी शामिल है। कार्रवाई के दौरान आठ पिस्टल और 30 कारतूस बरामद किए गए।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी परिक्षेत्र) विजय सिंह के अनुसार, 19 नवंबर को स्पेशल स्टाफ को सूचना मिली थी कि जहांगीरपुरी का रहने वाला बाबू उर्फ असलम हथियार लेकर मॉडल टाउन पहुंचने वाला है। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर सोमवीर सिंह के नेतृत्व में टीम ने मॉडल टाउन स्थित ड्रेन के पास घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही बाबू फरार होने की कोशिश करने लगा, लेकिन टीम ने उसे दबोच लिया। उसके पास से दो पिस्टल और पांच जिंदा कारतूस मिले।
पूछताछ में बाबू ने खुलासा किया कि वह 2024 में इसी तरह के एक मामले में गिरफ्तार हो चुका है। जेल से बाहर आने के बाद उसकी मुलाकात संतोष नामक व्यक्ति से हुई, जो अलीगढ़ से अवैध हथियार लाकर दिल्ली में बेचता था। बाबू ने उसके साथ मिलकर तस्करी का काम शुरू कर दिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने भलस्वा डेयरी निवासी संतोष को गिरफ्तार किया और उसके निर्माणाधीन मकान से पांच पिस्टल और 25 कारतूस बरामद किए।
गैंग की कड़ियां आगे जोड़ते हुए पुलिस ने मोहम्मद बिलाल को भी औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। बिलाल पहले से ही हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के मामले में न्यायिक हिरासत में था। उसकी जानकारी के आधार पर पुलिस ने ग्रेटर नोएडा से हथियार सप्लायर अजीम को पकड़ा, जिसके पास से एक पिस्टल मिली।
जांच में सामने आया कि बाबू के खिलाफ दिल्ली में हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं, जबकि यूपी में भी चोरी और आर्म्स एक्ट से जुड़े चार मामले उसके नाम पर हैं। संतोष के खिलाफ भी हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तीन मामले दर्ज हैं। इसी तरह, बिलाल पर हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के चार केस हैं, जबकि अजीम अलीगढ़ में आर्म्स एक्ट के तीन मामलों में आरोपी है।
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि यह नेटवर्क किन-किन अपराधियों तक हथियार पहुंचाता था।