नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने अब परियोजनाओं में देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी परियोजना में देरी होने पर संबंधित परियोजना प्रबंधक से जवाब तलब किया जाएगा और उसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा। अधिकारी को देरी के ठोस कारण देने होंगे, और यह विवरण उसकी निजी रिपोर्ट में भी शामिल किया जाएगा।

पीडब्ल्यूडी, जो दिल्ली सरकार के विकास कार्यों का सबसे बड़ा कार्यान्वयन विभाग है, पिछले कुछ वर्षों से परियोजनाओं की धीमी प्रगति और अतिरिक्त खर्चों से जूझ रहा है। सरकार ने पहले ही निर्देश दिए थे कि कोई भी परियोजना तभी शुरू की जाए जब सभी स्वीकृतियाँ और मंजूरी पूरी तरह से प्राप्त हो। इसके बावजूद कई योजनाएं अब भी अधर में लटकी हुई हैं, जिसके कारण सरकार को अतिरिक्त खर्च करना पड़ा है।

क्या कारण हैं योजनाओं में देरी के?
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, कई परियोजनाओं में देरी के कारणों में सबसे बड़ा कारण सही योजना और बजट प्रबंधन की कमी है। कुछ मामलों में तो अस्पतालों से जुड़ी योजनाएं भी फंड की कमी के कारण लटकी हुई हैं। सरकार का मानना है कि अधिकारियों ने बिना ठोस योजना के ही परियोजनाओं पर काम शुरू कर दिया और यह सुनिश्चित नहीं किया कि योजना के सभी पहलू सही तरीके से सुलझे हों।

भविष्य में सरकार की कड़ी रणनीति
अब, दिल्ली सरकार नई परियोजनाओं के लिए अधिक गंभीर है और इसकी रणनीति है कि किसी भी परियोजना पर काम शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि उसमें कोई व्यवधान न आए। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे परियोजनाओं को शुरु करने से पहले सभी आवश्यक स्वीकृतियों और मंजूरी की प्रक्रिया पूरी करें। यदि किसी परियोजना पर काम शुरू करने से पहले इन प्रक्रियाओं में कोई व्यवधान उत्पन्न हुआ, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

इस तरह, दिल्ली सरकार परियोजनाओं के समय पर और सफलतापूर्वक पूरा होने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और अधिकारियों से उम्मीद की जा रही है कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं और किसी भी प्रकार के लापरवाही को रोका जाए।