घरौंडा के चोरा निवासी अनुज को स्टडी वीजा पर रूस भेजा गया था, लेकिन अब वह युद्ध के खतरनाक क्षेत्र में फंसा हुआ है। अनुज के परिवार का कहना है कि एजेंट ने उसे 52 लाख रुपये का लालच देकर रूसी सेना में शामिल कर दिया। डेढ़ महीने से अनुज परिवार से संपर्क में नहीं है, और अब वे भारत सरकार से उसे सुरक्षित वापस बुलाने की मांग कर रहे हैं।

भाई अर्जुन ने बताया कि परिवार ने पहले छह लाख रुपये देकर अनुज को स्टडी वीजा पर रूस भेजा था। वहां उसे पढ़ाई के साथ-साथ एक जिम में नौकरी भी मिल गई थी। परिवार को उम्मीद थी कि आर्थिक स्थिति सुधरेगी, लेकिन कुछ समय बाद दूसरे एजेंट ने अनुज और अन्य भारतीय छात्रों को भारी रकम का लालच देकर रूस-यूक्रेन युद्ध में भेजने का प्रलोभन दिया। अनुज ने इस लालच में आकर रूसी सेना जॉइन कर ली और हथियार थामकर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया।

अर्जुन के मुताबिक, अनुज ने 13 अक्टूबर को परिवार को बताया कि उसे केवल 10 दिन की ट्रेनिंग दी गई और इसके बाद सीधे रेड जोन में भेजा जा रहा है। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया और संपर्क टूट गया।

अनुज के दूसरे भाई विशाल ने कहा कि परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों से अनुरोध कर रहा है कि अनुज को सुरक्षित लौटाया जाए। उन्होंने कहा कि पुतिन हाल ही में भारत आए हैं, इसलिए उम्मीद है कि सरकार की मदद से अनुज को वापस बुलाया जा सकेगा।

परिवार ने भारत सरकार, पीएमओ और भारतीय दूतावास से लगातार संपर्क किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई या आश्वासन नहीं मिला है। अभी तक यह भी पता नहीं चल पाया है कि अनुज कहां और किस हालात में है।