रोहतक: हरियाणा में एडीजीपी वाई पूरन कुमार के विवादित मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। रोहतक में साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप कुमार ने बुधवार को अपने कार्यालय में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उनके द्वारा छोड़े गए तीन पन्नों के सुसाइड नोट और वीडियो संदेश ने मामले की गंभीरता बढ़ा दी है।
सुसाइड नोट में संदीप कुमार ने आईपीएस वाई पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि पूरन कुमार भ्रष्टाचार में लिप्त थे और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। संदीप ने आरोप लगाया कि पूरन कुमार ने जातिवाद का सहारा लेकर पूरे सिस्टम को अपने नियंत्रण में कर लिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी आत्महत्या सच की लड़ाई की पहली आहूति है और पूरन कुमार एवं उनके परिवार पर कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए।
सुसाइड नोट में यह भी उल्लेख किया गया कि पूरन कुमार की पत्नी और अन्य सहयोगी भी भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल थे। संदीप ने अपने बैंक खातों की जांच की मांग की और खुद को ईमानदार अफसर बताया। वह मूल रूप से जींद जिले के जुलाना इलाके के गांव लढ़ौत के रहने वाले थे।
मामले की पृष्ठभूमि में यह तथ्य भी सामने आया कि एडीजीपी वाई पूरन कुमार के गनमैन सुशील को वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सुशील पर शराब कारोबारी से पैसे उगाही के गंभीर आरोप थे। संदीप कुमार ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि यह पैसा एडीजीपी तक पहुंचा और पूर्व रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया को इसकी जानकारी थी।
इससे पहले 7 अक्टूबर 2025 को एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ में आत्महत्या कर ली थी। अब संदीप कुमार की मौत ने पूरे मामले को और विवादित बना दिया है। अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच अब अत्यंत आवश्यक हो गई है।