हरियाणा में कांग्रेस, सपा और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच सीट समझौते पर सहमति बन गई है और ये दल लोकसभा चुनाव की तर्ज पर विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ेंगे। कांग्रेस आप को छह विधानसभा सीटें देने पर सहमत हो गई है। इसके अलावा कांग्रेस ने सपा को भी दो सीटें देने का मन बना लिया है। सोमवार को गठबंधन का औपचारिक एलान हो सकता है।
शनिवार के बाद रविवार को भी हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया और आप नेता राघव चड्ढा के बीच बैठक हुई। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही अपनी बात सीधे कांग्रेस हाईकमान से कह चुके थे। सूत्रों का दावा है कि आप दस सीटें मांग रही थी, लेकिन कांग्रेस ने उनको इतनी सीटें देने से साफ इन्कार दिया। कांग्रेस ने छह सीटों का ऑफर किया, जिस पर आप ने सहमति जताई है। सूत्रों के अनुसार पंजाब के साथ लगी पिहोवा, कलायत, जींद और एनसीआर में गुरुग्राम, ओल्ड फरीदाबाद और पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट आप को देने पर सहमति बनी है।
दो सीटें मिल सकती हैं सपा को
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को भी दो सीटें दी हैं। एनसीआर में शामिल हथीन और सोहना विधानसभा सीटें सपा के खाते में जा सकती हैं। हालांकि सपा ने दादरी सीट पर भी लड़ने की इच्छा जताई थी। यहां बता दें कि अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि वे हरियाणा में सीटों की संख्या को लेकर कोई दबाव नहीं बनाएंगे। सपा का एक ही उद्देश्य है कि हरियाणा की सत्ता से भाजपा को बाहर किया जाए। सपा और कांग्रेस के बीच हरियाणा में समझौता होने से यूपी के उपचुनाव में भी कांग्रेस को हिस्सेदारी मिलना तय माना जा रहा है। यहां कांग्रेस ने 10 में से 5 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दिया है। इंडिया गठबंधन के सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस को सपा 1-2 सीटें दे सकती है।