हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मातृ एवं शिशु चिकित्सा संस्थान कमला नेहरू अस्पताल (केएनएच) में शुक्रवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक महिला ने अस्पताल स्टाफ पर जुड़वां बच्चों की मौत और उन्हें गायब करने का गंभीर आरोप लगाया। हालांकि प्राथमिक जांच, सीसीटीवी फुटेज और चिकित्सकीय परीक्षणों के आधार पर मामला मनगढ़ंत प्रतीत हो रहा है।
क्या था मामला?
शुक्रवार दोपहर बाद करसोग से आई एक महिला ने दावा किया कि उसने केएनएच में सुबह 10 बजे के करीब एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया था। उसका आरोप था कि डॉक्टरों ने बच्चों की तबीयत खराब बताकर उन्हें ले लिया और फिर यह कहते हुए लौटा दिया कि दोनों की मृत्यु हो गई है। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी गर्भावस्था से संबंधित फाइल भी अस्पताल से गायब कर दी गई है।
CCTV में दिखा सच
रात करीब एक बजे तक महिला और उसके परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया। इस दौरान डीएसपी अमित ठाकुर और एसएचओ समेत पुलिस टीम ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की। फुटेज में महिला सुबह 10:24 बजे अस्पताल में प्रवेश करती हुई दिखाई दी। वह ओपीडी, गलियारों और कुछ चिकित्सकीय कक्षों के बाहर घूमती दिखी, लेकिन न तो माइनर ओटी और न ही लेबर रूम में दाखिल होती दिखाई दी।
10:57 बजे परिसर से बाहर निकली महिला
फुटेज के अनुसार, महिला 10:57 बजे अस्पताल के मुख्य गेट से बाहर निकलती है। इससे पहले वह विभिन्न विभागों के आसपास घूमती रही लेकिन कहीं भी प्रसव जैसी किसी स्थिति का कोई प्रमाण नहीं मिला।
विशेषज्ञों ने बताया मनोवैज्ञानिक मामला
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह मामला ‘स्यूडोसाइसिस’ यानी झूठी गर्भावस्था की मानसिक स्थिति से जुड़ा हो सकता है, जिसमें महिला गर्भवती होने का भ्रम पाल लेती है और उसी अनुसार व्यवहार करती है। इसे सामाजिक दबाव और संतान की चाह से जोड़कर देखा जा रहा है।
प्रेगनेंसी का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला
पुलिस की पूछताछ के दौरान महिला कोई भी चिकित्सकीय दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकी। अस्पताल के पंजीकरण रिकॉर्ड में भी उसका कोई नाम नहीं दर्ज मिला। यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट नकारात्मक आई। महिला को मेडिकल परीक्षण के लिए दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल भेजा गया, जिसकी रिपोर्ट से स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी।
चिकित्सा अधीक्षक का बयान
केएनएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र सिंह नेगी ने बताया, “CCTV फुटेज में महिला पूरे परिसर में घूमती दिखी है लेकिन डिलीवरी कक्ष में प्रवेश करते हुए कहीं नहीं दिख रही है। उसका प्रेगनेंसी टेस्ट भी निगेटिव आया है। महिला दो साल से इनफर्टिलिटी (बांझपन) का इलाज अस्पताल में करवा रही थी।”
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