जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) हुमायूं भट के परिवार से मुलाकात की। उपराज्यपाल ने डीएसपी हुमायूं भट बलिदान पर दुख जताया। साथ ही परिवार के सदस्यों को सभी संभव सहायता का आश्वासन दिया। उपराज्यपाल ने शोक संतप्त परिवार के साथ कुछ समय बिताया, जिसमें  डीएसपी हुमायूं  के पिता गुलाम हसन भट्ट, सेवानिवृत्त आईजीपी भी शामिल रहे।

अनंतनाग के कोकरनाग के गडूल के जंगलों में जारी मुठभेड़ में बुधवार को डीएसपी  हुमायूं सहित  19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धोंचक वीरगति को प्राप्त हो गए थे। इसके अलावा एक अन्य सैनिक की भी इस ऑपरेशन में जान चली गई है। ऑपरेशन सोमवार छठवें दिन भी जारी है। पुलिस, सेना, सीआरपीए की सयुंक्त टीम लगातार यहां मोर्चा संभाले हुए है। 

उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा, "बहादुर शहीद डीएसपी हुमायूं भट के परिवार से मिलने के लिए आज बडगाम के हुमहामा का दौरा किया और परिवार के साथ अपनी संवेदना व्यक्त की। परिवार को यूटी प्रशासन की ओर से सभी सहायता और समर्थन का आश्वासन दिया। पूरा देश शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुटता से खड़ा है।" 

उपराज्यपाल ने रविवार देर शाम एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शहीदों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा और आतंकवादी आकाओं को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। मनोज सिन्हा ने कहा, "हमें अपने सैनिकों पर पूरा भरोसा है... पूरा देश जवानों के साथ एकजुटता से खड़ा है।"

उन्होंने दावा किया कि अनंतनाग में सुरक्षा बलों पर हमला जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन और जम्मू-कश्मीर में संघर्ष में मुनाफाखोरों पर कार्रवाई के कारण आतंकवादी समूहों में हताशा का परिणाम है। उपराज्यपाल ने कहा कि आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर में आम आदमी का शोषण करने वाले पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने का समय आ गया है।