लद्दाख। पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के खिलाफ पुलिस द्वारा लगाए गए आरोपों पर उनकी पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के बयान पूरी तरह से झूठे और गढ़े हुए हैं और यह घटना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है, ताकि किसी को फंसाकर मनमर्जी की जा सके।
गीतांजलि ने कहा, “हम डीजीपी के बयान की पूरी निंदा करते हैं। केवल मैं ही नहीं, बल्कि पूरे लद्दाख ने इन आरोपों को खारिज किया है। यह कहानी बनावटी है और किसी को बलि का बकरा बनाने के लिए गढ़ी गई है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि सीआरपीएफ को गोली चलाने का आदेश किसने दिया और आखिर किसने अपने ही नागरिकों पर गोली चलाने की अनुमति दी, खासकर ऐसे इलाके में जहां कभी हिंसक प्रदर्शन नहीं हुए।
गीतांजलि ने यह भी कहा कि सोनम वांगचुक का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं था। “वे उस समय किसी अन्य जगह शांतिपूर्वक भूख हड़ताल पर बैठे थे। वे वहां मौजूद ही नहीं थे, तो किसी को कैसे उकसा सकते थे?” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन का उद्देश्य छठे शेड्यूल को लागू न करना है, और इसके लिए झूठा नैरेटिव बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि डीजीपी का बयान किसी विशेष एजेंडे का हिस्सा है और छठा शेड्यूल लागू कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा।
इस बयान से स्पष्ट है कि मामले में राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव के चलते वांगचुक को बलि का बकरा बनाने की कोशिश की जा रही है, जबकि स्थानीय लोगों और परिवार का कहना है कि उनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है।