मोहाली के कर्नल मनप्रीत सिंह अनंतनाग में आतंकियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए। देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले इस महान सपूत का शुक्रवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। लोगों ने शहीद कर्नल मनप्रीत अमर रहे के नारे लगाए और नम आंखों से उन्हें विदाई दी। 

अंतिम विदाई से पहलि कर्नल मनप्रीत के चार साल के बेटे कबीर ने जब अपने पिता को सेल्यूट किया तो पूरा गांव सिसक उठा। कबीर ने सेना की वर्दी पहनी थी और बहुत ही गमगीन दिख रहा था। आसपास लोगों की भीड़ थी। वह कभी मां की गोदी में चढ़ा तो कभी दादी के कंधे पर बैठ गया। शहीद कर्नल के शव के साथ आए सैन्य कर्मियों ने कबीर को दुलार किया और उससे बात की। 

पिता की शहादत के बाद भी गया था स्कूल
कर्नल मनप्रीत के बलिदान की खबर गुरुवार सुबह घरवालों ने उनकी पत्नी जगमीत कौर को दी थी। खबर सुनते ही लगा जैसे उनकी पूरी दुनिया उजड़ गई। देश की रक्षा के लिए अपना सुहाग कुर्बान करने वालीं जगमीत की आंखें भर आईं लेकिन खुद को जैसे-तैसे संभाला और चार साल के बेटे कबीर को रोज की तरह तैयार कर स्कूल भेजा। कबीर को भनक तक नहीं लगी कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। 

कर्नल मनप्रीत सिंह की पत्नी जगमीत कौर मोरनी में शिक्षिका हैं। वह सात साल के बेटे कबीर और ढाई साल की बेटी वाणी के साथ पंचकूला के सेक्टर-26 में रहती हैं। कर्नल मनप्रीत की ससुराल भी पंचकूला में ही है। मनप्रीत वर्ष 2003 में सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे। वर्ष 2005 में उन्हें कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया था।