जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड का पुनर्गठन करते हुए नौ नए सदस्यों की नियुक्ति की है। इन सभी को तीन वर्षों के कार्यकाल के लिए नामित किया गया है। नए सदस्यों में प्रशासनिक, धार्मिक, शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी प्रतिष्ठित हस्तियों को शामिल किया गया है।
इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने इस पुनर्गठन को मंजूरी दी। बोर्ड का मुख्य उद्देश्य अमरनाथ यात्रा के प्रबंधन, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और धार्मिक पर्यटन के विकास से जुड़ा हुआ है।
नव-नियुक्त सदस्यों में ये प्रमुख नाम शामिल हैं:
- स्वामी अवधेशानंद गिरिजी महाराज
- प्रोफेसर कैलाश मेहरा साधु
- के.के. शर्मा
- के.एन. राय
- मुकेश गर्ग
- डॉ. शैलेश रैना
- डॉ. सिमरिधि बिंद्रू
- सुरेश हावरे
- प्रोफेसर विश्वमूर्ति शास्त्री
इन सदस्यों का चयन उनके विशिष्ट योगदान — चाहे वह धार्मिक सेवा हो, प्रशासनिक अनुभव, शैक्षणिक योगदान या सामाजिक कार्य — के आधार पर किया गया है। यह पुनर्गठन श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
अमरनाथ यात्रा और सुरक्षा पर उमर अब्दुल्ला का बयान
श्री अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है। इसको लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बयान दिया है कि प्रशासन की प्राथमिकता यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने की है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए हालिया हमले से पर्यटन को काफी नुकसान हुआ है और इस सीज़न में पर्यटकों की संख्या कम रही है।
उमर ने कहा, “इस समय हमारा पूरा ध्यान अमरनाथ यात्रा की सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से सम्पन्नता पर है। हम चाहते हैं कि श्रद्धालु स्वस्थ और सुरक्षित होकर लौटें। यात्रा के बाद हम पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की रणनीतियों पर विचार करेंगे।”