झारखंड को नक्सली और उग्रवाद मुक्त बनाने में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का असर दिखा है, जिससे प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के 9 सक्रिय उग्रवादियों ने सोमवार को लातेहार जिले में 12 आधुनिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। इनमें से पांच पर 20 लाख रुपये से अधिक का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण के समय झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों ने 12 हथियार पुलिस को सौंपे, जिनमें 4 AK-47, 1 AK-56, 3 SLR, 2 .303 राइफल और 1 सेमी राइफल शामिल हैं। इसके साथ 1782 गोलियां और 26 मैगजीन भी जमा कराई गईं। इस समूह में जोनल कमांडर रविंद्र यादव, सब-जो zonal कमांडर अखिलेश यादव, बलदेव गंझू, मुकेश राम, पवन महतो, ध्रुव उर्फ राजू राम, विजय यादव और श्रवण सिंह जैसे शीर्ष पदाधिकारी शामिल थे।

आईजी ऑपरेशन माइकल राज एस ने इस सफलता को झारखंड राज्य के गठन के बाद का सबसे बड़ा कदम बताया और कहा कि साल 2025 के अंत तक राज्य को पूरी तरह नक्सल मुक्त करना लक्ष्य है। उन्होंने चेताया कि वर्तमान सक्रिय नक्सली या तो आत्मसमर्पण करें या पुलिस अभियान में उनका सामना होगा। इस उपलब्धि के लिए सभी पुलिस अधिकारियों और जवानों की सराहना की गई।