झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को सियासी हलचल चरम पर रही। सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्षी विधायकों ने सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

मांडू के विधायक निर्मल महतो ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण में कथित पांच लाख रुपये की अनियमित वसूली का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि यह मामला कांग्रेस विधायक ममता देवी ने सीएलपी बैठक में उठाया था और मीडिया में भी प्रकाशित हुआ है। महतो ने इसे राज्य में भ्रष्टाचार की गंभीरता उजागर करने वाला बताया।

हालांकि, ममता देवी ने आरोपों को पूरी तरह खारिज किया। उन्होंने कहा कि सीएलपी बैठक के मुद्दे गोपनीय होते हैं और उन्हें गलत ढंग से पेश करना अनुचित है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने मंत्री पर कोई प्रत्यक्ष आरोप नहीं लगाया। कांग्रेस के अन्य विधायक अनूप सिंह और श्वेता सिंह ने बताया कि बैठक में विधायक अपने क्षेत्रों की समस्याएं उठाते हैं और ममता देवी द्वारा उठाए गए निर्माण कार्य संबंधित मुद्दों को समाधान भी मिल चुका है।

इसी बीच, बड़कागांव के विधायक रौशनलाल चौधरी ने विस्थापितों के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि पतरातु पावर प्लांट के निर्माण के दौरान 25 गांवों के सैकड़ों लोग विस्थापित हुए, लेकिन उन्हें अब तक उचित मुआवजा नहीं मिला। चौधरी ने सरकार से तत्काल पुनर्वास और मुआवजा सुनिश्चित करने की मांग की।