(झारखंड): कोलेबिरा प्रखंड स्थित प्रसिद्ध बाघचंडी मंदिर में शनिवार रात अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ से पूरे क्षेत्र में आक्रोश और तनाव का माहौल फैल गया है। रविवार सुबह मंदिर के पुजारी पंचम सिंह जब पूजा के लिए पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि मंदिर का मुख्य द्वार टूटा हुआ है, बाहर लगे त्रिशूल को उखाड़कर फेंक दिया गया है, और पूजा सामग्री के साथ लाइटें और गेट भी क्षतिग्रस्त कर दिए गए हैं।
पुजारी ने बताया कि मुख्य पूजा स्थल पर भी छेड़छाड़ की गई है और कई धार्मिक वस्तुएं नष्ट कर दी गई हैं। घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मंदिर परिसर में एकत्र हुए और इसे आस्था पर हमला करार दिया। लोगों ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और कठोर कार्रवाई की मांग की।
कोलेबिरा विधायक विक्सल कोंगाड़ी, पूर्व विधायक विमला प्रधान सहित कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने घटना की निंदा की है। हिंदू ब्रिगेड ने इसे जिले के साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश बताया। संगठन का कहना है कि पहले चर्च और अब मंदिर में तोड़फोड़ की घटनाएं जिले की शांति भंग करने की कोशिश हैं, जिन्हें किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।
भाजपा नेता अशोक बड़ाइक ने कहा, “यह केवल मंदिर पर हमला नहीं, बल्कि हमारी आस्था और संस्कृति पर सीधा प्रहार है। हेमंत सरकार में न सनातनी सुरक्षित हैं, न धार्मिक स्थल।” भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण बड़ाइक ने भी कहा कि यह घटना धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का प्रयास है और प्रशासन को तुरंत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
घटना के विरोध में कोलेबिरा बाजार रविवार को स्वतः बंद रहा। स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच जारी है और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।