मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन 13,474 करोड़ रुपए के दूसरे अनुपूरक बजट को चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए, जबकि सरकार ने विकास कार्यों में किसी प्रकार के भेदभाव से इनकार किया।
विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने बजट चर्चा में सवाल उठाते हुए प्रदेश पर कर्ज में 130% की वृद्धि, उच्च ब्याज दर पर ऋण लेने और कई योजनाओं में धनाभाव के कारण ठेकेदारों की ब्लैकलिस्टिंग का मुद्दा उठाया। उन्होंने 5 करोड़ की विधायक निधि का भी जिक्र किया।
वित्त मंत्री का जवाब:
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 4,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा उपार्जन, भावांतर और लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के लिए भी बजट में पर्याप्त धन आवंटित किया गया है। देवड़ा ने स्पष्ट किया कि सरकार कर्ज का उपयोग केवल पूंजीगत निवेश में कर रही है, न कि राजस्व खर्च या वेतन भुगतान में। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने कर्ज लेकर केवल वेतन बांटे और निजी लाभ उठाए।
देवड़ा ने यह भी कहा कि राज्य सरकार सभी क्षेत्रों में समान विकास कर रही है और कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों में भी कार्य जारी हैं। उनका कहना था कि जनता इस विकास कार्य को स्वीकार कर रही है और पूरे देश में उनकी सरकारों को समर्थन मिल रहा है।
मुख्यमंत्री का बयान:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चर्चा के अंत में विपक्ष की रचनात्मक भूमिका की सराहना की। उन्होंने वन संरक्षण में हुई उपलब्धियों, सोयाबीन भावांतर योजना और भोपाल में पर्यटन विकास की नई पहल का उल्लेख किया। सीएम ने कहा कि अनुपूरक बजट प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा और मध्यप्रदेश को विकसित प्रदेश बनाने का मिशन सरकार जारी रखेगी।