भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य की कर्मचारी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए सात प्रकार की नियुक्ति श्रेणियों को समाप्त कर दिया है। अब राज्य में केवल तीन कैटेगरी ही रहेंगी: नियमित, संविदा और आउटसोर्स। यह फैसला मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों के बीच भेदभाव नहीं होगा, क्योंकि उनके वेतन, सेवा शर्तें और पेंशन समान हैं। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार, वर्तमान में कार्यरत कार्यभारित, दैनिक वेतनभोगी, अंशकालीन और स्थायीकर्मी कर्मचारी अपनी सेवा अवधि तक कार्यरत रहेंगे। इनके सेवानिवृत्त होते ही संबंधित पद स्वतः समाप्त हो जाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर नए नियमित पद सृजित कर भर्ती की जाएगी।
अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान
सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि यदि कार्यकाल में कार्यभारित कर्मचारी का निधन होता है, तो उनके आश्रित को नियमित पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। यह सुविधा पहले इस श्रेणी में उपलब्ध नहीं थी।
न्यायालयीन मामलों में राहत
नई व्यवस्था लागू होने के बाद न्यायालयों में कर्मचारियों की अलग-अलग श्रेणियों का जिक्र नहीं करना पड़ेगा। इससे न्यायालयीन भ्रम कम होगा और सरकार को बार-बार सुनवाई के लिए जाना नहीं पड़ेगा। साथ ही अस्थायी पदों के लिए सालाना कैबिनेट से अनुमति लेने की बाध्यता भी समाप्त हो जाएगी।
भविष्य की नियुक्तियों में जोर
सरकार ने साफ किया है कि भविष्य में नियुक्तियों का मुख्य ध्यान नियमित और संविदा कर्मचारियों पर रहेगा। वहीं, आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों के रूप में नहीं माना जाएगा, क्योंकि उनकी सेवाएं एजेंसियों के माध्यम से ली जाती हैं।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ और मंजूर योजनाएँ
-
मुख्यमंत्री ने ब्लाइंड विमेन T20 वर्ल्ड कप 2025 में विजेता मध्यप्रदेश की तीन खिलाड़ियों को 25-25 लाख रुपए पुरस्कार देने की घोषणा की।
-
बैतूल जिले के भरेवा धातु शिल्प को GI टैग मिलने पर शिल्पकार बलदेव वाघमारे को राष्ट्रीय शिल्प पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
-
भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिए 90.67 करोड़ रुपए मंजूर।
-
नर्मदा घाटी के अपर नर्मदा, राघवपुर और बसानिया बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लिए 1782 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज स्वीकृत। इनसे अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी के कुल 5512 करोड़ रुपए की योजनाएँ पूरी होंगी। 71,967 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई और 125 मेगावाट बिजली उत्पादन संभव होगा।
कैबिनेट के अन्य फैसले
-
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना के तहत 3810 कार्य, 693.76 करोड़ की लागत से।
-
MSME विभाग की मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को अगले पांच वर्षों तक जारी रखने का निर्णय, 905.25 करोड़ की मंजूरी।
-
छह जिलों में वन विज्ञान केंद्र की स्थापना, 48 करोड़ की स्वीकृति।
-
इंदौर के एमवाय अस्पताल का नवनिर्माण, 773 करोड़ की लागत और 1450 बिस्तरों की सुविधा।