सागर। अपनी बेटी को ब्लैकमेलिंग के कारण खो देने के बाद न्याय की तलाश में भटक रहे एक गरीब परिवार को मंगलवार को सागर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में निराशा का सामना करना पड़ा। एसपी से मिलने से रोक दिए जाने पर मृतक लड़की की मां ने गुस्से में कार्यालय परिसर में हंगामा कर दिया। एक महीने से कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे इस परिवार को अंततः एडिशनल एसपी के हस्तक्षेप के बाद न्याय मिलने का भरोसा मिला।

मालथोन थाना क्षेत्र के सेमरा लोधी गांव के रामसखी रजक और कैलाश रजक अपनी बेटी जितेंद्र कुमारी उर्फ प्रियंका की मौत के मामले में शिकायत लेकर मंगलवार दोपहर 1 बजे एसपी कार्यालय पहुंचे। मृतक की मां रामसखी ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी, जो मालथोन के एक कॉलेज में पढ़ती थी, 18 नवंबर को हर्ष राजपूत और अनुराग तिवारी द्वारा लगातार प्रताड़ित और ब्लैकमेल की जा रही थी। आरोप है कि दोनों आरोपी प्रियंका से 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। मानसिक दबाव में आकर प्रियंका ने तंग आकर आत्महत्या कर ली।

मृतक के माता-पिता, जो इंदौर में मजदूरी करते हैं, एक महीने से आरोपियों पर कार्रवाई के लिए पुलिस कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं। मंगलवार को जब वे एसपी कार्यालय पहुंचे, तो मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें एसपी से मिलने से रोक दिया। न्याय न मिलने और पुलिस द्वारा रोके जाने से आहत रामसखी रजक का धैर्य टूट गया और उन्होंने कार्यालय परिसर में ही जोरदार हंगामा किया।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया। एडिशनल एसपी डॉ. संजीव उईके से परिवार की मुलाकात कराई गई। उन्होंने पीड़ित परिवार की शिकायत सुनी और तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। परिवार अब एडिशनल एसपी द्वारा दिए गए आश्वासन पर न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं।