मराठी भाषा विवाद के बीच भिवंडी में मनसे कार्यकर्ता ने की आत्मदाह की कोशिश

महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी भाषा विवाद ने एक बार फिर राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। इसी क्रम में मंगलवार, 8 जुलाई को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के ठाणे और पालघर जिलाध्यक्ष अविनाश जाधव की गिरफ्तारी के विरोध में भिवंडी में एक सनसनीखेज घटना सामने आई। यहां मनसे के कार्यकर्ता सुशील आवटे ने खुद को आग लगाने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों की तत्परता से समय रहते उसे बचा लिया गया।

शिवाजी चौक पर मचा हड़कंप

घटना भिवंडी के शिवाजी चौक की है, जहां निजामपुर पुलिस स्टेशन के अधिकारी पहले से मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुशील आवटे ने अचानक अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क लिया और आत्मदाह की कोशिश की। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत उसे पकड़ लिया और बड़ी घटना टल गई।

पुलिस ने लिया हिरासत में, हो रही पूछताछ

इस प्रयास के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया, हालांकि हालात को नियंत्रण में रखा गया। पुलिस ने सुशील आवटे को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, वह अपने नेता अविनाश जाधव की गिरफ्तारी से बेहद नाराज़ था और उसी के विरोध में यह कदम उठाया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

मार्च की अनुमति न मिलने पर तेज हुई राजनीति

मनसे ने हाल ही में मीरा-भायंदर में एक मार्च निकालने की घोषणा की थी, जो मराठी भाषा के समर्थन में किया जाना था। यह मार्च एक व्यापारी के साथ मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा मारपीट के मामले में पार्टी नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में आयोजित किया जा रहा था। पुलिस ने इस मार्च की अनुमति नहीं दी थी, जिसके बावजूद पार्टी नेताओं ने कार्यक्रम को जारी रखने का निर्णय लिया।

जिलाध्यक्ष की गिरफ्तारी पर बवाल

मनसे जिलाध्यक्ष अविनाश जाधव को मंगलवार सुबह पुलिस ने उनके निवास से गिरफ़्तार किया। पुलिस के मुताबिक, उन्हें पहले ही नोटिस जारी किया गया था, लेकिन जब वे मार्च में शामिल होने की जिद पर अड़े रहे, तो तड़के करीब 3 बजे उन्हें हिरासत में लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें काशीमारी पुलिस स्टेशन ले जाया गया।

गिरफ्तारी से पहले अविनाश जाधव ने कहा था, “पुलिस ने हमारे मार्च को अनुमति नहीं दी है, लेकिन मराठी हमारी मां है और उसके सम्मान में हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। हम किसी दबाव में नहीं आएंगे, यह मार्च निकलेगा।”

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