महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति के शानदार प्रदर्शन के बीच, पुणे के हिल स्टेशन लोनावला से एनसीपी की ओर से चुनाव लड़ने वाली भाग्यश्री जगताप की जीत ने भी ध्यान खींचा। लोनावला की रहने वाली और फल बेचने वाले पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ी भाग्यश्री ने साबित कर दिया कि साधारण जीवन और मेहनत के बावजूद राजनीति में सफलता हासिल की जा सकती है।
नगर परिषद की सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के बाद भी सोमवार को उन्होंने अपने फल के स्टॉल को वैसे ही खोला जैसे हर दिन करती हैं। सम्मान समारोह या स्वागत कार्यक्रम में शामिल होने की बजाय उन्होंने अपने काम को प्राथमिकता दी।
भाग्यश्री ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार को 608 वोटों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की।
जीत के बाद की प्रतिक्रिया
भाग्यश्री ने कहा, “फल बेचना हमारा पारिवारिक व्यवसाय है। बधाई समारोह होंगे, लेकिन हमारे लिए हमारा रोज़ का काम सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए आज भी हमने अपना स्टॉल खोला है।”
राजनीति और व्यवसाय का संतुलन
भाग्यश्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वह पार्षद के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के साथ-साथ फल बेचने के व्यवसाय को भी जारी रखेंगी। उन्होंने कहा, “मैं परिषद में लोगों की समस्याओं और शिकायतों को उठाऊंगी, साथ ही अपने परिवार के जीवन यापन के लिए फल बेचने का काम भी करती रहूंगी।” वहीं उनके पति महादेव जगताप ने बताया कि वह पारिवारिक व्यवसाय पर ध्यान देंगे, जबकि भाग्यश्री स्थानीय निवासियों के मुद्दों को परिषद में उठाकर उनका समाधान करेंगी।
भाग्यश्री जगताप की यह कहानी आम लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है, जो दिखाती है कि सादगी, मेहनत और जनता सेवा को संतुलित कर सफलता हासिल की जा सकती है।