डल्लेवाल को जबरन हटाया तो… खनौरी बॉर्डर से किसानों की चेतावनी

पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. आंदोलन के दौरान डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई. उन्हें चक्कर आने और ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करना पड़ा है, लेकिन इसके बावजूद वे अनशन पर डटे हुए हैं. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है.

किसानों का आरोप है कि हरियाणा में पुलिस किसानों के घरों पर दबिश दे रही है और उन्हें खनौरी बॉर्डर पहुंचने से रोका जा रहा है. कई रास्तों को ब्लॉक कर दिया गया है, ताकि हरियाणा से किसान इस आंदोलन में शामिल न हो सकें. वहीं, पंजाब प्रशासन ने बॉर्डर पर एक अस्थाई अस्पताल बनाया है. किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि यदि डल्लेवाल को जबरन यहां से हटाया गया तो स्थिति बेकाबू हो सकती है और खून-खराबा भी हो सकता है.

खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन

अनशन के 25वें दिन डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर केंद्र सरकार को उनकी मांगें मानने का निर्देश देने की अपील की. 70 साल के डल्लेवाल कैंसर से पीड़ित हैं और पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे हैं. उन्होंने पत्र में लिखा कि उनकी भूख हड़ताल किसानों की मांगों के समर्थन में जारी है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उनकी चिंता के लिए आभार व्यक्त करते हैं, लेकिन किसानों की समस्याएं उनकी जिंदगी से ज्यादा अहम हैं.

डल्लेवाल ने पत्र में क्या लिखा?

डल्लेवाल ने अपने पत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग की. उन्होंने कहा कि एमएसपी कानून लागू होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसानों और देश को फायदा होगा. उन्होंने एक संसदीय समिति का हवाला दिया, जिसमें सभी दलों के 31 सांसदों ने एमएसपी लागू करने की सिफारिश की है. डल्लेवाल ने सरकार से आग्रह किया कि वह किसानों की भावनाओं और संसदीय समिति की रिपोर्ट का सम्मान करते हुए एमएसपी गारंटी कानून बनाए.

चन्नी ने की डल्लेवाल से मुलाकात

किसानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने खनौरी बॉर्डर पहुंचकर डल्लेवाल से मुलाकात की. किसानों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में सांसदों के बीच धक्का-मुक्की होती है तो सभी वहां हालचाल पूछने जाते हैं, लेकिन यहां 26 दिनों से किसान नेता अनशन पर हैं और किसी ने सुध नहीं ली.

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