चंडीगढ़: पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) की सीनेट और सिंडिकेट की संरचना में प्रस्तावित बदलाव को केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने वापस ले लिया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अब विश्वविद्यालय की मौजूदा संरचना में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यह फैसला उच्च स्तरीय समिति (HLC) की सिफारिशों और विद्यार्थियों, शिक्षकों, पूर्व कुलपतियों और वर्तमान कुलपति से प्राप्त फीडबैक के आधार पर लिया गया है।

समिति का गठन 2 मार्च 2021 को विश्वविद्यालय के चांसलर द्वारा किया गया था, ताकि सीनेट और सिंडिकेट की संरचना में सुधार के प्रस्तावों का मूल्यांकन किया जा सके। आदेश जारी होने के बाद मंत्रालय ने छात्रों और शिक्षकों सहित विभिन्न पक्षों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं और सुझावों को गंभीरता से लिया।

धरना जारी रहेगा
पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा ने इसे बड़ी जीत बताया है। हालांकि, 91 सदस्यीय सीनेट के चुनावों की घोषणा तक मोर्चा का धरना जारी रहेगा। चुनाव की घोषणा के बाद ही धरना समाप्त किया जाएगा।

इससे पहले मोर्चा ने 10 नवंबर को प्रदर्शन की जानकारी देते हुए बताया कि यह सुबह 11 बजे से शुरू होगा। प्रदर्शन के दौरान 1 और 3 नंबर गेट बंद रहेंगे, जबकि 2 नंबर गेट से प्रवेश की सुविधा रहेगी। मोर्चा ने प्रदर्शन शांतिपूर्ण रखने का आश्वासन दिया और पंजाब और हरियाणा के लोगों से इसमें शामिल होने की अपील की।

मोर्चा का उद्देश्य पुरानी 91 सदस्यीय सीनेट को बहाल कराना है ताकि विश्वविद्यालय में सीनेट के चुनाव समय पर हो सकें। प्रदर्शन में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान-मजदूर यूनियन के सदस्य भी समर्थन देने पहुंचे।