पंजाब सरकार की प्रस्तावित किलोमीटर स्कीम के खिलाफ पनबस और पीआरटीसी कर्मचारियों का विरोध सोमवार को एक बार फिर उभरकर सामने आया। कर्मचारियों ने बसों का संचालन रोककर चक्का जाम किया और आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है।

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि न तो उनकी पुरानी मांगों पर कोई ठोस कदम उठाया गया है और न ही नई स्कीम को लेकर उनकी आपत्तियों पर बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि सोमवार को पनबस का टेंडर खोला जाना था, लेकिन सरकार ने उसे बिना वजह टाल दिया। इसी तरह पीआरटीसी से जुड़े मुद्दों पर भी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है।

कर्मचारियों ने साफ संकेत दिया कि जब तक सरकार कोई निर्णायक कदम नहीं उठाती, तब तक बसें सड़क पर नहीं उतारी जाएँगी।

दिनभर चले चक्का जाम का सीधा असर आम यात्रियों पर पड़ा। बस सेवा बाधित होने से लोगों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ी। कई यात्रियों ने कहा कि सरकार को जल्द समाधान निकालना चाहिए, क्योंकि बसों के ठप होने से वे यात्रा की सुविधा से वंचित हो रहे हैं और रोजमर्रा की आवाजाही प्रभावित हो रही है।