लुधियाना के कुंदनपुरी इलाके में फंदे से झूलते मिले काजल के शव के मामले ने नया मोड़ ले लिया। कमिश्नरेट पुलिस की तरफ से बच्ची का शव ले जाते समय एंबुलेंस पर पथराव किया गया। इसके आरोप में थाना डिविजन आठ की पुलिस ने चार महिलाओं सहित करीब 250 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
यह मामला पुलिस ने एंबुलेंस के ड्राइवर रिशी नगर निवासी प्रदीप शर्मा की शिकायत पर दर्ज किया है। इनमें चार महिलाएं सुमन, कृष्णा, शांति और भोला को नामजद किया गया है। चौथे दिन भी बच्ची के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। परिवार वाले अड़े हैं कि जब तक इस मामले में आरोपी बनाए गए अजय शर्मा को उनके हवाले नहीं किया जाता तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
काजल की मौत के बाद परिवार वाले और अन्य रिश्तेदार व जानकार वहां पहुंचे थे। उन्होंने इलाके में काफी हुड़दंग मचाया और अजय शर्मा के घर के अंदर भी जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें समय रहते रोक दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने वहां पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी की और दुर्व्यवहार भी किया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पत्थर बरसाए। पुलिस ने जांच के बाद एंबुलेंस बुला कर शव भेज दिया। प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस पर भी पत्थर मारे और गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया। एंबुलेंस ड्राइवर ने इसकी शिकायत पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने हमलावरों पर मामला दर्ज कर लिया।
वहीं परिवार को मनाने की कोशिश जारी है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने परिवार वालों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट साफ तौर पर बता दी है। हालांकि परिवार ने उस पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पोस्टमार्टम के दौरान कई चीजें जांच के लिए भेजी गई हैं जिनकी रिपोर्ट आने के बाद ही सही तरीके से पता चल पाएगा कि किशोरी के साथ दुष्कर्म हुआ है या नहीं। इस मामले में अब किशोरी के परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की है।
संस्थाएं आई बच्ची के परिवार वालों के हक में
काजल के परिवार वालों की तरफ से गुरुवार को धरना दिया गया। इस दौरान कई संस्थाएं भी परिवार वालों के साथ उनके हक में आ खड़ी हुई। संस्था प्रबंधकों ने भी पुलिस कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए, साथ ही कहा कि वह काजल के परिवार को न्याय दिला कर ही रहेंगे। उधर, अन्य सफाई करने वाली महिलाओं ने कहा कि पीड़िता को जब तक न्याय नहीं मिलता वे कुंदनपुरी इलाके के घरों में काम नहीं करेंगे।