केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ को पंजाब राज्यपाल के संवैधानिक अधिकार क्षेत्र से अलग करने की संभावित तैयारी के विरोध में पंजाब की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। रविवार को आनंदपुर साहिब में 350वें शहीदी दिवस कार्यक्रम में पहुंचे पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने प्रेस वार्ता कर केंद्र पर तीखा हमला बोला।

चीमा ने आरोप लगाया कि भाजपा चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ उसी भूमि पर बसाया गया जहां पंजाब के गांव बसे हुए थे, इसलिए यह शहर ऐतिहासिक रूप से और संवैधानिक रूप से पंजाब का हिस्सा है।

चीमा ने कहा, “भाजपा चंडीगढ़ को अपने कब्ज़े में लेना चाहती है। चंडीगढ़ पंजाब का था, है और रहेगा। पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी इसे किसी भी कीमत पर अलग नहीं होने देंगे। यह लड़ाई आखिरी सांस तक लड़ी जाएगी।”

उन्होंने दावा किया कि कानून स्पष्ट रूप से हरियाणा को अपनी अलग राजधानी बनाने का निर्देश देता है, जबकि भाजपा इसके विपरीत कदम उठाकर व्यवस्था को चुनौती दे रही है।

भाजपा पर तीखे हमले
वित्त मंत्री ने केंद्र पर देश की संघीय संरचना कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने में लगी है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर एकता का संदेश दिया जाता है, लेकिन भाजपा देश को विभाजित करने का काम कर रही है।

चीमा ने चेतावनी दी कि चंडीगढ़ के मुद्दे पर संघर्ष सड़क से लेकर संसद तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब किसी भी सूरत में चंडीगढ़ को हाथ से नहीं जाने देगा और जनता भाजपा की “गलत नीतियों” का कड़ा जवाब देगी।