जयपुर: राजस्थान में अरावली पर्वतमाला का मुद्दा अब पूरी तरह से सियासी रण में बदल गया है। अरावली की परिभाषा और संरक्षण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप और बयानों की झड़ी लग गई है। रविवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के “Save Aravalli” अभियान पर पलटवार किया। राठौड़ ने गहलोत द्वारा लगाए जा रहे दावों को भ्रामक और असत्य बताया और कहा कि अरावली के 90 प्रतिशत क्षेत्र के नष्ट होने की बातें कुल मिलाकर तथ्यहीन हैं।
‘Save Aravalli’ अभियान पर राजनीति
राठौड़ ने कहा कि 18 दिसंबर 2025 को गहलोत द्वारा सोशल मीडिया पर शुरू किया गया यह अभियान कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का समर्थन नहीं पा सका। न प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, न राहुल गांधी, न मल्लिकार्जुन खरगे और न ही सचिन पायलट ने अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदलकर इसका समर्थन किया। राठौड़ का कहना है कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण से अधिक राजनीतिक दिखावा प्रतीत होता है।
उन्होंने आगे बताया कि अरावली क्षेत्र का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा हिरसा अभ्यारण्य, राष्ट्रीय उद्यान और आरक्षित वनों में शामिल है, जहां खनन पूरी तरह प्रतिबंधित है। पूरे अरावली क्षेत्र का केवल 2.56 प्रतिशत हिस्सा सीमित और नियंत्रित नियमों के तहत खनन के दायरे में आता है।
सख्त नियमों के तहत खनन
राठौड़ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जब तक ICFRE द्वारा वैज्ञानिक मैपिंग और सस्टेनेबल माइनिंग मैनेजमेंट प्लान तैयार नहीं हो जाता, तब तक कोई नया खनन पट्टा जारी नहीं किया जाएगा। उन्होंने 100 मीटर मानदंड को लेकर फैली भ्रांतियों को भी दूर करते हुए कहा कि यह केवल ऊंचाई तक सीमित नहीं है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित परिभाषा के अनुसार खनन पूरी तरह प्रतिबंधित क्षेत्रों में लागू होती है।
विशेष आंकड़ों का हवाला देते हुए राठौड़ ने बताया कि राजसमंद में 98.9%, उदयपुर में 99.89%, साबरकांठा (गुजरात) में 89.4% और महेंद्रगढ़ (हरियाणा) में 75.07% पहाड़ी क्षेत्र खनन से प्रतिबंधित रहेगा। वर्तमान में 37 जिलों में केवल 0.19 प्रतिशत क्षेत्र ही कानूनी खनन पट्टों के अंतर्गत है, जिसमें 90 प्रतिशत राजस्थान, 9 प्रतिशत गुजरात और 1 प्रतिशत हरियाणा में सीमित है।
कांग्रेस ने अवैध खनन पर रखी कड़ी नजर
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस राज में खनन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि 2019-2024 के दौरान 4,206 FIR दर्ज की गई, जबकि भाजपा सरकार के पहले साल में केवल 508 FIR दर्ज हो पाई। गहलोत ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने अवैध खनन से 464 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला, जो पिछली भाजपा सरकार द्वारा वसूले गए 200 करोड़ रुपये से दोगुना अधिक है।
अरावली राजस्थान की जीवनरेखा
गहलोत ने कहा कि अरावली केवल पहाड़ नहीं हैं, बल्कि राजस्थान की जीवनरेखा हैं, जो थार मरुस्थल के विस्तार को रोकती हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि पिछले बलिदान और संरक्षण की भावना के साथ अरावली को बचाना हमारी जिम्मेदारी है।