बहराइच। गोंडा-बहराइच मार्ग स्थित शिंभावली शुगर मिल, चिलवरिया पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस पेराई सत्र में गन्ना पेराई पर रोक लगा दी है। दो वर्षों से करीब 15 से 20 हजार किसानों का 103 करोड़ रुपये से अधिक भुगतान लंबित होने के कारण यह सख्त कदम उठाया गया है।
जानकारी के अनुसार, मिल ने पिछले दो सालों में किसानों से सरकारी दर पर गन्ना खरीदा, लेकिन भुगतान नहीं किया। किसान लगातार बकाया राशि की मांग कर रहे थे, जिसके बाद सरकार ने किसानों के हित में यह निर्णायक फैसला लिया है। आदेश के मुताबिक, इस वर्ष चिलवरिया चीनी मिल पूरी तरह बंद रहेगी—न तो गन्ना खरीदेगी और न ही पेराई करेगी।
अधिकारियों ने बताया कि मिल प्रशासन के कुछ मामलों पर न्यायालय में सुनवाई चल रही है, जिसके चलते भुगतान अटका हुआ है।
किसानों को मिलेगी वैकल्पिक व्यवस्था
गन्ना विभाग ने चिलवरिया मिल क्षेत्र के लगभग 20 हजार किसानों को आश्वस्त किया है कि उनका गन्ना अब आसपास की चार मिलों — तुलसीपुर, बलरामपुर, जरवल रोड और नानपारा — को आवंटित किया जाएगा। ये सभी मिलें समय पर भुगतान करने के लिए जानी जाती हैं।
जिला गन्ना अधिकारी आनंद शुक्ला ने बताया, “दो साल से गन्ना मूल्य का भुगतान न होने के कारण इस बार चिलवरिया चीनी मिल को आवंटन नहीं दिया गया है। किसानों के हित में सरकार ने यह कड़ा निर्णय लिया है ताकि उन्हें समय पर गन्ना मूल्य मिल सके।”