लखनऊ। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बन रही सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। मामला प्रदेश के शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास के सामने सड़क निर्माण से जुड़ा है, जहां घटिया सामग्री के इस्तेमाल और नाले की ऊंचाई सड़क से ज्यादा होने की शिकायत के बाद शासन ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। यह समिति 30 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
12 करोड़ की परियोजना पर उठे सवाल
अब्दुल्ला कॉलेज से केला नगर चौराहे तक 800 मीटर लंबे हिस्से को चौड़ा करने और दोनों ओर नाले बनाने का काम करीब 12 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है। यह कार्य कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएनडीएस) को सौंपा गया था। काम की रफ्तार धीमी रहने के साथ-साथ निर्माण की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय लोग लगातार आपत्ति जता रहे थे।
नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने इन खामियों को गंभीर मानते हुए शासन से जांच की मांग की थी। शिकायत के बाद सीएनडीएस के निदेशक डी.पी. सिंह ने मुख्य महाप्रबंधक एस.के. गौतम की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई है।
नाला सड़क से ऊंचा बना
लोगों का कहना है कि नाले का स्तर सड़क से ऊंचा कर दिया गया है, जिसके कारण बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या और गंभीर हो गई। जब इस पर चर्चा बढ़ी, तो नाले की दीवारों को काटकर छोटा करने की कोशिश की गई, जिससे विवाद और गहरा गया।
नगर आयुक्त का कहना है कि निर्माण की गुणवत्ता और मानकों की अनदेखी की जांच होगी। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी।
बारिश में जलभराव से लोगों को परेशानी
मंत्री संदीप सिंह के घर के सामने बनी इस सड़क पर हल्की बारिश में ही भारी जलभराव हो जाता है। निर्माण के दौरान जल निकासी की उचित व्यवस्था न किए जाने से लोगों को आवाजाही में दिक्कतें झेलनी पड़ीं।