सांसद अवधेश प्रसाद ने बुधवार को राम मंदिर में ध्वजारोहण कार्यक्रम में अपने नाम का कार्ड नहीं मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वे दलित समाज से हैं, शायद इसी कारण उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। उनका कहना था कि यह भाजपा की सोच का निचला स्तर दर्शाता है।

अवधेश प्रसाद ने संवाद न्यूज एजेंसी से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा मंदिर पर पताका फहराए जाने का स्वागत है और इसके लिए पूरे प्रदेश और देशवासियों को बधाई दी जानी चाहिए। लेकिन अफसोस यह है कि आम जनता को इस कार्यक्रम में शामिल होने से रोका गया और प्रेस कर्मियों को भी विशेष शर्तों के साथ ही प्रवेश मिला। उन्होंने कहा कि उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 10 दिन पहले से कार्ड का इंतजार किया, लेकिन डीएम ने केवल ट्रस्ट के कार्ड बांटने की बात कहकर जिम्मेदारी टाल दी।

सांसद ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री केवल भाजपा के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं और अयोध्या के लाखों लोगों ने उन्हें सांसद चुना है। उन्हें दलित होने के कारण आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि राम के नाम पर भाजपा व्यापार करती है, जबकि रामराज्य में सभी जातियों और धर्मों को समान सम्मान मिलता था।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने अवधेश प्रसाद के इस बयान को भ्रामक करार दिया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में किसी को जाति के आधार पर नहीं बुलाया या नहीं बुलाया गया। उन्होंने विपक्ष पर भी आरोप लगाया कि वह समाज को जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर बांटने का राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं।

चौधरी ने कहा कि ध्वजारोहण का ऐतिहासिक क्षण 500 वर्षों के संघर्ष के बाद आया है और इस कार्यक्रम ने सनातन धर्म का गौरव पुनर्जीवित किया है। उन्होंने भविष्य के चुनावों में भाजपा की सफलता पर भी भरोसा जताया और कहा कि जनता विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर भाजपा के साथ खड़ी है।

इससे पहले, प्रदेश के कई विधायकों और नेताओं ने व्यक्तिगत और सामाजिक आयोजनों में वर-वधू को आशीर्वाद देने का क्रम जारी रखा, जिसमें उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल रहे।