उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के सदर विधायक इकबाल महमूद के विवादित बयान ने राजनीतिक सुर्खियां बटोर ली हैं। विधायक ने कहा था कि "रिक्शा वाला रिक्शा ही चलाएगा और विधायक का बेटा विधायक बनेगा", जिसके बाद विरोध की आवाजें तेज हो गईं।

इस पर कांग्रेस नेता और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी मुशीर तरीन ने अनोखे अंदाज में विरोध दर्ज कराया। रविवार को उन्होंने अपने कार्यालय से चौधरी सराय तक ई-रिक्शा चलाते हुए इस बयान का विरोध किया। हाथ में पोस्टर लिए तरीन ने कहा, “रिक्शा वालों का अपमान, संभल की जनता नहीं सहेगी।” उन्होंने विधायक से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग भी की।

मुशीर तरीन ने कहा कि किसी का मुकद्दर कोई नहीं छीन सकता और असली पहचान मेहनत और काबिलियत से होती है, विरासत से नहीं। उन्होंने कहा कि रिक्शा चलाने वाले लोग बच्चों को स्कूल पहुंचाने और अधिकारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में विधायक का बयान अपमानजनक है और समाज में गलत संदेश देता है।

उन्होंने कई उदाहरण देते हुए बताया कि रिक्शा चालकों और आम मेहनतकश लोगों के बच्चे आज देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में जगह बना रहे हैं। तरीन ने कहा, “हमारे संभल में हलीम बेचने वाले का बेटा जज बना, एक मिस्त्री की बेटी जज बनी। घास खोदने वाले और रिक्शा चालकों के बच्चे आज आईपीएस और आईएएस बन रहे हैं। एक मछुआरे का बेटा देश का राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम बना।”

मुशीर तरीन ने कहा कि राजनीति वंशवाद से नहीं, बल्कि जनसेवा और ईमानदारी से चलती है। उन्होंने विधायक की सोच को संकीर्ण और वर्गवादी बताया और कहा कि ऐसे बयान देने से पहले सौ बार सोचना चाहिए।