लखनऊ। फिलीपींस के नागरिक मो. आरून सारिप तीन दिन तक नदवा कालेज (नदवतुल उल्मा) में चोरी-छिपे ठहरे रहे, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई। जानकारी के अनुसार, आरून टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे और यहां ठहरने की अनुमति बिना वैध पंजीकरण और ‘फार्म-सी’ प्रक्रिया पूरी किए दी गई।
एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) को सूचना मिलने के बाद लखनऊ पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। जांच में पता चला कि आरून दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रमों में भी शामिल रहे।
इंस्पेक्टर हसनगंज चितवन कुमार ने बताया कि 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक आरून महादुल अली छात्रावास के कमरे नंबर 307 में रहे और वहां अध्ययनरत छात्र मो. यासीर के पास ठहरे। इस दौरान उन्होंने शहर में भी घूमने का कार्यक्रम बनाया। पुलिस के अनुसार, उनके आगमन और ठहराव की जानकारी न तो छात्रावास प्रशासन ने दी और न ही मुख्य गेट पर रजिस्टर में दर्ज किया गया।
इस मामले में हसनगंज पुलिस ने नदवा कालेज के प्रधानाचार्य मौलाना अब्दुल अजीज नदवी, सब रजिस्ट्रार डॉ. हारून रसीद, महादुल अली छात्रावास के वार्डन मो. कैसर नदवी, सुरक्षा कर्मचारियों सहित अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ विदेशी पंजीकरण अधिनियम और संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरून टूरिस्ट वीजा पर आने के बावजूद दिल्ली में धार्मिक प्रचार कार्यक्रम में शामिल हुए। जैसे ही उन्हें लखनऊ पुलिस द्वारा निगरानी का पता चला, वे दिल्ली से फरार हो गए। सुरक्षा एजेंसियां फिलीपींस नागरिक के संपर्कों और गतिविधियों की जानकारी जुटा रही हैं। मोबाइल डेटा और पूछताछ के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि वह किन लोगों से संपर्क में था और किस तरह की गतिविधियों में शामिल रहा।
नदवा कालेज प्रशासन का कहना है कि आरून केवल अध्ययनरत छात्र से मिलने आए थे और संबंधित छात्र को नोटिस जारी किया गया है। पुलिस ने पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।