पेट्रोल पंप की डीलरशिप दिलाने के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए हाथरस साइबर सेल ने मध्य प्रदेश के एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। यह कार्रवाई सादाबाद क्षेत्र के एक व्यापारी से 32.45 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में की गई।
पुलिस अधीक्षक चिरंजीवनाथ सिन्हा ने बताया कि सादाबाद के गांव कुरसंडा निवासी अनिल कुमार ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी। अनिल के अनुसार, उन्होंने ऑनलाइन एक वेबसाइट के माध्यम से पेट्रोल पंप डीलरशिप के लिए आवेदन किया था, जहां खाली प्लॉट होने की जानकारी दिखाई गई थी।
आवेदन के बाद वेबसाइट संचालकों ने प्रोसेसिंग फीस, सिक्योरिटी और अन्य औपचारिकताओं के नाम पर 27 जनवरी से 23 अप्रैल 2025 के बीच अलग-अलग चरणों में कुल 32 लाख 45 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद न तो उनसे संपर्क हुआ और न ही वेबसाइट खुली। शक होने पर अनिल ने मथुरा रिफाइनरी से संपर्क किया, जहां पता चला कि संबंधित वेबसाइट पूरी तरह फर्जी है। इसके बाद उन्होंने साइबर सेल से शिकायत की।
जांच के दौरान साइबर टीम ने वेबसाइट होस्टिंग कंपनी और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से तथ्य जुटाए। छानबीन में सामने आया कि वेबसाइट का डोमेन मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के थाना सिहोर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गागौनी निवासी छोटे राजा परिहार ने खरीदा था। वही इस ठगी का मुख्य सूत्रधार निकला। आरोपी उस समय ग्वालियर के मुरार थाना क्षेत्र में रह रहा था।
पुलिस टीम ने 26 दिसंबर को ग्वालियर में कल्याण अस्पताल के पास से आरोपी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी जीमेल आईडी के जरिए भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम से नकली वेबसाइट तैयार की थी और उसी के माध्यम से लोगों को झांसे में लिया।
आरोपी ने बताया कि फर्जी सिम कार्ड और बैंक खाते उसके साथी उपलब्ध कराते थे, जिनसे वह ठगी की रकम मंगवाता था। रकम निकालने वालों को 20 प्रतिशत और अन्य सहयोगियों को 10 प्रतिशत हिस्सा दिया जाता था। वेबसाइट का संचालन वह गाजियाबाद से करता था।
एसपी ने बताया कि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।